आनंदपाल के नाम से कई अकाउंट व पेज फेसबुक पर चल रहे हैं। सिर्फ चल ही नहीं रहे ये लगातार अपडेट भी हो रहे हैं, इसके बावजूद पुलिस अबतक आनंदपाल तक पहुंचने में नाकाम है। जबकि तकनीक के इस युग में इंटरनेट से जुडऩे के बाद किसी भी माध्यम तक पहुंचना बेहद आसान है।
आपस में पोस्ट को लेकर तकरार आनंदपाल के नाम से फेसबुक पर कई अकाउंट्स व पेज हैं। जिनमें लगातार कुछ ना कुछ अपडेट होता रहता है। लगभग हर 4 से 8 घंटे के बीच आनंदपाल को लेकर कुछ न कुछ अपडेट होता रहता है। वहीं कई पेज व अकाउंट्स में आपसी तकरार भी इन पोस्ट के जरिए देखने को मिलती है। कई अकाउंट्स व पेज पर डाली गई जानकारी को अन्य पेज झूठला देते हैं। जैसे आनंदपाल के एक फेसबुक अकाउंट से 10 दिन बाद आतंक मचाने को डाली गई पोस्ट को अन्य फेसबुक पेज पर आनंदपाल के खिलाफ साजिश बताया जा रहा है। एेसे में फेसबुक पर सक्रिय ये अकाउंटस कितने वास्तविक हैं व कितने फर्जी यह कह पाना भी मुश्किल है।
सिलेब्रिटी से कम नहीं आनंदपाल फेसबुक पर किसी सिलेब्रिटी से कम नहीं है। आनंदपाल के नाम पर कई अकाउंट हैं। जिनमें उसे पब्लिक फिगर, न्यूज पर्सेनेलिटी, डॉक्टर, सरकार व राजनेता भी बताया गया है। इतना ही नहीं आनंदपाल से जुड़ी हर खबर को फेसबुक पेज पर डाला जाता है। इसके बाद उससे जोड़ लोग अपनी राय देते हैं। फेसबुक पर अच्छे से सक्रिय होने के बावजूद आनंदपाल टिव्टर सहित अन्य किसी सोशल साइट पर इतना सक्र्रिय नहीं है।
आनंदपाल- पॉप्यूलेरिटी मीटर आनंदपाल के नाम से फेसबुक अकाउंट- 6 आनंदपाल के नाम से फेसबुक पेज- 15 आनंदपाल से जुड़े ग्रुप- लगभग 30 अकाउंट्स पर फेसबुक फे्रंड्स की संख्या- 992(लगभग 1000)
फेसबुक पेज पर आनंदपाल से जुड़े लोगों की संख्या- 30456(लगभग 30000) रोजाना अपडेट – लगभग 4 से 8 घंटे में प्रतिदिन पोस्ट- 6 से 10 पोस्ट लगातार आनंदपाल पर बातचीत- 3284 लोग
हर सप्ताह फेसबुक पेज पर बढ़ते लाइक – 2 से 3 हजार फेसबुक से जुड़े लोगों में 90 प्रतिशत पुरुष कर सकते हैं ट्रेस सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय होने के बावजूद पुलिस की पकड़ से दूर रहने के माजरे पर पत्रिका ने आइटी एक्सपर्ट व एथिकल हैकर से बात की तो उन्होंने बताया कि फेसबुक पर अकाउंट यूज करने व पेज पर पोस्ट डालने वाले शख्स तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक सिस्टम का आइपी एड्रेस होता है, जिससे कोई भी सोशल साइट अथवा फेसबुक यूज करने पर वह पब्लिक आइडी में चेंज हो जाता है। इसके बाद इसके लॉग बन जाते हैं। जिनको हासिल कर पुलिस आनंदपाल अथवा उसके नाम से फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति तक पहुंच सकती है।