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अजमेर एसपी का जबरदस्त एक्शन, पकड़ा बांग्लादेशी की आड़ में रहने वाला रोहिंग्या

locationअजमेरPublished: Nov 12, 2017 08:51:13 am

Submitted by:

manish Singh

घुसपैठिए और फर्जी दस्तावेज बनाकर रह रहे रोहिंग्याओं के खिलाफ चल रहे नागरिकता सर्वेक्षण में परिणाम सामने आने लगे हैं।

rohingya muslim arrest in ajmer

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मनीष कुमार सिंह/अजमेर।

अंदरकोट में बांग्लादेशी घुसपैठियों की आड़ में रोहिंग्या रह रहे हैं। इनके खिलाफ एसपी के निर्देश पर सर्च ऑपरेशन जारी है। दरगाह थाना पुलिस ने शनिवार को फिर एक रोहिंग्या को पकड़ा। वह भी सात साल से फर्जी दस्तावेजों से भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र और दस्तावेज बनवाकर जिंदगी बसर कर रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ कूटरचित दस्तावेज बनवाने का मामला दर्ज किया है।
पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह के आदेश से बांग्लादेशी घुसपैठिए और फर्जी दस्तावेज बनाकर रह रहे रोहिंग्याओं के खिलाफ चल रहे नागरिकता सर्वेक्षण में परिणाम सामने आने लगे हैं। अंदरकोट क्षेत्र में ऊंची पहाडिय़ों पर डेरा जमाकर रह रहे रोहिंग्या को दरगाह थानाप्रभारी मानवेन्द्र सिंह व उनकी टीम ने दबोचा। सर्वेक्षण के दौरान अंदरकोट हुसैन कॉलोनी में म्यांमार हाल अंदरकोट नूर कॉलोनी ढाई का झोंपड़ा के पास रहने वाले वली अहमद (58) पुत्र हुसैन खान को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उससे फर्जी दस्तावेज से अजमेर में बनवाए गए आधार कार्ड समेत कई प्रमाण पत्र व बैंक खाते बरामद किए। पुलिस ने उसके खिलाफ फर्जी दस्तावेज से कूटरचित दस्तावेज बनाने का मामला दर्ज किया है।
कोलकाता से हुआ दाखिल
पुलिस की प्रारम्भिक पड़ताल में सामने आया कि वली अहमद 2009 में म्यांमार (बर्मा) से बांग्लादेश चला गया था। यहां से वह चोरी-छिपे कोलकाता के रास्ते भारत में दाखिल हो गया। वहां से वह पहले जम्मू-कश्मीर चला गया। वहां संयुक्त राष्ट्र संघ के शरणार्थी उच्चायुक्त वसंत विहार नई दिल्ली से उसने शरणार्थी कार्ड बनवा लिया। इसके पश्चात वर्ष-2010 में वह अजमेर आ गया। वह अंदरकोट क्षेत्र में मजदूरी कर गुजर-बसर करने लगा। उसने अजमेर में आधार कार्ड, राशन का कार्ड, बैंक पासबुक सहित भारतीय नागरिकता के कार्ड बनवाए। आरोपित इन कार्ड के माध्यम से भारतीय नागरिक को दी जाने वाली सुविधाओं का फायदा ले रहा था।
अजमेर में बनवाए फर्जी दस्तावेज
मूल दस्तावेजों में यूएनएचसीआर, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त वसंत विहार नई दिल्ली का शरणार्थी कार्ड के अलावा आधार कार्ड, राशन कार्ड, एबीबीजे दरगाह बाजार की पासबुक मिली। अनुसंधान में जुटी पुलिस फर्जी दस्तावेज बनाने में किस-किस ने सहयोग किया, आरोपित किसी संगठन से जुड़ा है या नहीं। इनके लिए आरोपित के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवा रही है। पुलिस को अभी अंदर कोट इलाके में और भी रोहिंग्या मुस्लिम परिवार व बांग्लादेशी घुसपैठिए होने का अंदेशा है। पुलिस मामले में पड़ताल में जुटी है।
कौन बना रहा है फर्जी दस्तावेज!
एसपी राजेन्द्र सिंह का कहना है कि नागरिक सर्वेक्षण से बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्या मुसलमान तो सामने आने लगे हैं, लेकिन इसके पीछे सबसे बड़ी समस्या जो सामने आई है वो है फर्जी दस्तावेज बनाना। संभवत: संगठित गिरोह है जो फर्जी दस्तावेज बनाने का काम कर रहा है। पुलिस शहर में फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर भी सख्ती से शिकंजा कसेगी।
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