प्रभारी मंत्री ने कहा कि गांवों में कोरोना का संक्रमण बढना चिंताजनक है। गांवों में संक्रमण की चेन तोडने तथा ग्रामीणों को जागरुक करने के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाए। बीमारी के लक्षण नजर आते ही उपचार के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जाए ताकि समय पर इलाज मिले सके। हल्के लक्षण वाले मरीजों को निचले स्तर के अस्पतालों में ही तुरंत आइसोलेट होने तथा उपचार शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाए।
10 गावों में घूमेगी ओपीडी वैन
चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने कहा कि शहरी क्षेत्र में मरीज को आसानी से जांच की सुविधा उपलब्ध है लेकिन गांवों तक पहुंचना अब सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए गांवों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए एंटीजन व आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाएंगे। यह वैन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में प्रतिदिन 10 गांवों में घूमेगी। इसके जरिए अधिक संक्रमण वाले इलाकों में एंटीजन टेस्ट किए जाएंगे। एंटीजन टेस्ट में पॉजीटिव आने वाले रोगियों को तुरंत उपचार शुरू किया जाएगा। जो लोग इसमें नेगिटिव आ गए हैं उनका आरटीपीसीआर टेस्ट कर सैम्पल लिया जाएगा।
ब्लैक फंगस के लिए करें इंतजाम
चिकित्सा मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना रोगियों में ब्लैक फंगस नाम की बीमारी भी तेजी से सामने आ रही है। यह घातक बीमारी है। इसकी रोकथाम के लिए सभी अस्पतालों में दवाओं का पूरा इंतजाम रखा जाए।
डॉ.शर्मा ने कहा कि अजमेर जिले के लिए 209 कम्यूनिटी हैल्थ आफिसर्स की नियुक्ति की गई है। इन्हें तुरंत जरूरत वाले अस्पतालों और सीएचसी में तैनात किया जाए। रिक्त पड़े पदों पर सेवानिवृत चिकित्सको एवं नसिंर्ग स्टाफ को लगाया जाए। एमबीबीएस व नसिंर्ग अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को कोविड केयर से संबंधित कामों में तैनात किया जाए।
समन्वय से शुरू करवाएं ऑक्सीजन प्लांट का काम
चिकित्सा मंत्री ने ऑक्सीजन उपलब्धता और इसके लिए किए जा रहे प्रयासों की भी समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि अजमेर और नसीराबाद में डीआरडीओ के माध्यम से स्थापित होने वाले ऑक्सीजन प्लांट के कार्य के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व अन्य विभागों के अधिकारियों से तुरंत समन्वय स्थापित कर काम शुरू करवाया जाए। अस्पतालों में ऑक्सीजन ऑडिट लगातार की जाए ताकि इसकी प्रति व्यक्ति खपत को कम कर अन्य जरूरतमंदों के लिए बचाया जा सके।
मरीजों को प्रोनिंग के बारे में समझाएं
चिकित्सा स्टाफ, मरीज व परिजन को ऑक्सीजन के उपयोग व प्रोनिंग आदि के बारे में समझाया जाए। कोराना के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों के उपचार व ऑपरेशन के लिए भी पर्याप्त इंतजाम रखे जाएं। चिकित्सा विशेषज्ञ लगातार तीसरी लहर के आने की चेतावनी दे रहे हैं, हमें इसके लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा।
बच्चों के लिए करें व्यवस्था
जिला व सीएचसी स्तर के अस्पतालों के अलावा बच्चों के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट, बैड, कंसनट्रेटर आदि की सम्पूर्ण व्यवस्था करनी होगी उन्होंने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष,विधायक कोष एवं डीएमएफटी योजना के तहत सभी सीएचसी को सभी तरह के उपकरणों से तैयार रखा जाए। विधायक कोष में एक करोड़ रुपए तक की राशि इस काम में ली जा सकती है। उन्होंने सभी सीएचसी पर कोविड कंसलटेंसी सेन्टर एवं नॉन कोविड को उपचार के भी निर्देश दिए। अस्पतालों में डे केयर सुविधा से भी मरीजों का उपचार जारी रखा जाए।
जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि जिले में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन, आईसीयू व वेंटीलेटर बैड उपलब्ध हैं। जेएलएन सहित अन्य अस्पतालों व सीएचसी में काविड बैड आरक्षित कर उपचार किया जा रहा है। बैठक में बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव वैभव गालरिया, चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन, एडीएम कैलाश चन्द्र शर्मा,संयुक्त निदेशक चिकित्सा डॉ. इन्द्रजीत सिंह, सीएमएचओ डॉ.के.के.सोनी, जेएलएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ.वी.बी. सिंह, अघीक्षक डॉ.अनिल जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।