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अजमेर

आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति जगा विश्वास

उपकरणों की खरीद पर करोड़ों खर्च, 500 आयुष हैल्थ एंड वैलनेस सेन्टर विकसित

अजमेरJan 19, 2022 / 12:54 pm

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आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति जगा विश्वास

आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति जगा विश्वास

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. कोरोना काल के बाद आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति आमजन का फिर से विश्वास जगा है। कोविड ही नहीं पोस्ट कोविड केयर में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ने प्रदेशभर में आमजन को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 56,57 लाख लोगों को काढ़ा पिलाया गया है। प्रदेशभर में 500 से अधिक आयुष हैल्थ एवं वेलनेस सेन्टर विकसित किए गए हैं।
प्रदेशभर में आयुर्वेद चिकित्सा संस्थानों में आमजन एवं मौसमी बीमारी व कोविड संक्रमित मरीजों की पहुंच बढ़ी है। करीब 25 करोड़ की लागत की मौसमी एवं कोविड संबंधी औषधियों का वितरण आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से किया गया है।
फैक्ट फाइल
3700 औषधालय प्रदेश में

120 आयुर्वेद चिकित्सालय प्रदेश में
56.97 लाख लोगों को वातश्लैष्मिक काढ़ा व गिलोय चूर्ण पिलाया।

8 करोड़ की लागत से कोविड की पहली लहर में औषधियों का वितरण
25 करोड़ की लागत से कोविड की दूसरी लहर में औषधियों का वितरण।इन औषधियों की बढ़ी डिमांड, यह सप्लाईकोविड काल में वातश्लैष्मिक ज्वरहर क्वाथ, आयुष-64, संशीमनीवटी, अणुतेल एवं अश्वगंधा चूर्ण प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि औषधियां दी जा चुकी हैं। आयुष-64 कैप्सूल प्रति औषधालय 4 हजार की सप्लाई की गई वहीं प्रति चिकित्सालय 9 हजार कैप्सूल वितरित किए गए। प्रदेशभर में 1 करोड़ 58 लाख 80 हजार आयुष-64 कैप्सूल का वितरण हुआ है। कोविड से बचाव व रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए यह कारगर है।
प्रदेश में 500 आयुष हैल्थ वेलनेस सेन्टर में ये सुविधाएं

भारत सरकार की योजना के अंतर्गत प्रदेशभर में 500 आयुष हैल्थ एवं वेलनेस सेन्टर विकसित किए गए हैं। इनमें प्रत्येक में महिला-पुरुष योग शिक्षक (2) नियुक्त किए गए, एक-एक लैपटॉप उपलब्ध करवाया जो मरीज की प्रकृति परीक्षण करेगा। उपकरण के बाद फर्नीचर इसी माह उपलब्ध होगा। काढ़ा बनाने के लिए इंडक्शन कुकर भी उपलब्ध करवाया गया है।
हैल्थ एंड वैलनेस सेन्टर का यह मकसद-मरीज का सेल्फ केयर व हैल्दी सर्विसेज के प्रति जागरूक करना।
-होम रेमेडीज को बढ़ावा देना-जैसे तुलसी, हल्दी, गिलोय।

-औषधीय पौधों का उपयोग बढ़ाना।

इनका कहना है

कोविड मरीजों एवं पोस्ट कोविड मरीजों का आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति रुझान बढ़ा। दूसरी लहर में 25 करोड़ से अधिक की औषधियां सप्लाई की गई। प्रदेशभर में 500 आयुष हैल्थ एवं वैलनेस सेन्टर (एचडब्ल्यूसी ) विकसित किए गए हैं। ओपीडी भी बढ़ी है, एचडब्ल्यूसी में योग शिक्षक लगाए गए हैं, उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं।
डॉ.आनन्द शर्मा, निदेशक, आयुर्वेद निदेशालय अजमेर

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