सरकार के दो साल की वर्षगांठ पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसकी आधारशिला रख चुके हैं। बांडी नदी को पर्यटन के नए केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। दो चरणों में रीवर फ्रंट डवलपमेंट के लिए बांडी नदी के किनारों पर ग्रीन बैल्ट,पाथ वे, रेलिंग और चौपाटी का निर्माण किया जाएगा।
अतिक्रमियों में खलबली बांडी नदी के कार्य के शुरु होने बाद नदी के 66 अतिक्रमियों में खलबली मची हुई है। अब अतिक्रमी अपना पक्ष रखने एडीए भी पहुंच रहे हैं लेकिन वे मालिकाना हक सम्बन्धी दस्तावेज पेश करने मे नाकामयाब साबित हो रहे हैं।
बांडी नदी से हटाए बबूल,एडीए ने शुरु अतिक्रमण हटाने की तैयारी जल्द शुरु होगा डिमार्केशन अजमेर.बांंडी नदी को बचाने के लिए राजस्थान पत्रिका द्वारा शुरु की गई मुहिम के तहत शुरु किए गए बांडी नदी रीवरफ्रंट परियोजना का काम शुरु हो गया। ज्ञान विहार से आर.के.पुरम तक चौपाटी बनाने के लिए गुरुवार को बबूल व कंटीली झाडि़यों को जेसीबी के जरिए हटाने का काम शुरु हो गया। बुधवार को अजमेर विकास प्राधिकरण के तहसीलदार, नायब तहसीलदार, गिरदावर पटवारी तथा एक्सईएन ने बुधवार को परियोजना के लिए ज्ञान विकार से आर.के.पुरम तक सर्वे किया था। यहां से बबूल हटाने के बाद यहां डिमार्केशन करते हुए पिलर लगाए जाएंगे। गुरुवार को प्राधिकरण आयुक्त रेणु जयपाल ने प्राधिकरण तहसीलदार, नायब तहसीलदार, गिरदावर तथा पटवारियों को बांंडी नदी के ६६ अतिक्रमियों को हटाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसके लिए आवश्यक संसाधनों की जानकारी भी मांगी गई। प्राधिकरण अतिक्रमियों को दो बार नोटिस जारी कर चुका है। नोटिस पर निर्णय भी हो चुका है। अतिक्रमी मालिकाना हक सम्बन्धी दस्तावेज पेश करने मे नाकामयाब साबित हुए।