भीलवाड़ा में लागू है एमबीसी मॉडल निगम के तहत आने वाले भीलवाड़ा जिले में एमबीसी मॉडल लागू है। यहां उपभोक्ताओं को बिल जारी करने,शिकायत निवारण,कनेक्शन जारी करने का काम एक निजी कम्पनी को पिछले साल दिया गया था। अब यही मॉडल बांसवाड़ा में भी अपनाया। अजमेर शहर की बिजली व्यवस्था दो साल पूर्व ठेकेदार कम्पनी टीडीपीएल को दिया गया है।
कर्मचारी कर रहे हैं विरोध बिजली कम्पनी के निजीकरण का कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि एक-एक कर सभी जिले निजी हाथों में दिए जा रहे हैं। सरकार रिक्त पदों को भरने के बजाय कर्मचारियों हितों की अनदेखी कर निजीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। इनका कहना है
सरकार का यह कदम युवाओं को रोजगार देने की बजाय रोजगार खत्म करने की ओर है। इस तरह से सभी जिलों में बिजली का निजीकरण होगा तो कर्मचारी कहां जाएंगे। इससे जनता का कोई फायदा नहीं होता है, निजी कम्पनियों उपभोक्ताओं को संतोषप्रद सेवाएं भी प्रदान नहीं कर रही है। हम निजीकरण का विरोध करेंगे।
हेमंत कुमार चौरसिया,सचिव राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन read more:
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