15 लाख से ज्यादा की आय
इस बार नवंबर में पुष्कर मेले के दौरान ब्यावर आगार ने बसों की अतिरिक्त व्यवस्था की थी। बस स्टैंड पर भी अतिरिक्त काउंटर भी लगाए। ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। डिपीको बसें मेले के दौरान करीब 37 हजार 133 किलोमीटर चली। यात्री भार सौ फीसदी रहा। इससे आगार को प्रति किलोमीटर 41.58 रुपए आय हुई। इससे आगार को कुल आय 15 लाख 44 हजार 217 रुपए की हुई। गौरतलब है कि पुष्कर मेले के लिए पाली व भीलवाड़ा आगार से चार अतिरिक्त बसें मंगवाई गईं थी। 13 परिचालकों की ड्यूटी लगाई गई। प्रतिदिन सोलह से अधिक बसें पुष्कर मेले के लिए संचालित हुईं। इस रूट पर दो चेक पोस्ट बनाए गए। जो यात्रीभार का आंकलन करने में जुटे रहे।
इस बार नवंबर में पुष्कर मेले के दौरान ब्यावर आगार ने बसों की अतिरिक्त व्यवस्था की थी। बस स्टैंड पर भी अतिरिक्त काउंटर भी लगाए। ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। डिपीको बसें मेले के दौरान करीब 37 हजार 133 किलोमीटर चली। यात्री भार सौ फीसदी रहा। इससे आगार को प्रति किलोमीटर 41.58 रुपए आय हुई। इससे आगार को कुल आय 15 लाख 44 हजार 217 रुपए की हुई। गौरतलब है कि पुष्कर मेले के लिए पाली व भीलवाड़ा आगार से चार अतिरिक्त बसें मंगवाई गईं थी। 13 परिचालकों की ड्यूटी लगाई गई। प्रतिदिन सोलह से अधिक बसें पुष्कर मेले के लिए संचालित हुईं। इस रूट पर दो चेक पोस्ट बनाए गए। जो यात्रीभार का आंकलन करने में जुटे रहे।
यह तय किया रूट
ब्यावर आगार की पुष्कर जाने वाली बसों का रूट पीसांगन होकर रखा गया था। बसें मांगलियावास, जेठाना, पीसांगन, गोविन्दगढ़, किशनपुरा व धनेरा होते हुए पुष्कर तक चलीं। आगार की ओर से रूट इस तरह से तैयार किया गया। जिससे बसों के पुष्कर पहुंचने का समय भी कम लगे। यात्रीभार भी पूरा मिले। इस रूट व व्यवस्था के चलते रोडवेज की आय में इजाफा हुआ एवं यात्रीभार सौ प्रतिशत रहा।
ब्यावर आगार की पुष्कर जाने वाली बसों का रूट पीसांगन होकर रखा गया था। बसें मांगलियावास, जेठाना, पीसांगन, गोविन्दगढ़, किशनपुरा व धनेरा होते हुए पुष्कर तक चलीं। आगार की ओर से रूट इस तरह से तैयार किया गया। जिससे बसों के पुष्कर पहुंचने का समय भी कम लगे। यात्रीभार भी पूरा मिले। इस रूट व व्यवस्था के चलते रोडवेज की आय में इजाफा हुआ एवं यात्रीभार सौ प्रतिशत रहा।
गत पुष्कर मेले में पहले स्थान पर गत वर्ष 4 नवम्बर को पुष्कर मेला था। उस समय भी ब्यावर आगार प्रदेश में पहले पायदान पर रहा। गत साल यात्रीभार 88 प्रतिशत ही था। जो इस साल बढकऱ सौ प्रतिशत हो गया। पुष्कर मेले के दौरान ब्यावर आगार का यात्रीभार खासा बढ़ जाता है।
प्रदेश में ब्यावर आगार प्रथम स्थान पर रहा। इस दिन यात्रीभार सौ प्रतिशत रहा। इससे ब्यावर आगार को 15 लाख 44 हजार रुपए से अधिक की राजस्व आय हुई है।
– रघुराजसिंह राजावत, मुख्य प्रबंधक, ब्यावर डिपो
– रघुराजसिंह राजावत, मुख्य प्रबंधक, ब्यावर डिपो