आयोग के तत्वावधान में माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक की भर्ती होनी है। आयोग ने आवेदन प्रारूप में अनुभव प्रमाण पत्र भी मांगा है। सरकारी सेवारत शिक्षकों के लिए भी जिला शिक्षा अधिकारी से प्रमाणित अनुभव प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य किया गया। ऐसे में प्रदेशभर के शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के महामंत्री बृजेंद्र शर्मा, रमेश आचार्य, मनोज वैष्णव, ईश्वर सिंह आदि ने बुधवार को आरपीएससी चेयरमैन डॉ. राधेश्याम गर्ग को ज्ञापन सौंपा।
इस पर डॉ. गर्ग ने कहा कि सरकारी सेवारत शिक्षकों का रिकॉर्ड शिक्षा विभाग और सरकार के पास मौजूद है। उनके अनुभव प्रमाण पत्र पर प्राचार्य और प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर मान्य होंगे। इन पर जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है। इसको लेकर आयोग भी जल्द शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर उन्हें निर्देश जारी करने को कहेगा।
आरपीएससी चेयरमेन का कार्यकाल 2 तक अध्यक्ष डॉ. राधेश्याम गर्ग का कार्यकाल 2 मई को पूरा होगा। नियमानुसार आयोग में अध्यक्ष अथवा सदस्य छह वर्ष या 62 साल की उम्र पूरी होने तक ही रह सकते हैं। ऐसे में डॉ. गर्ग का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। सरकार ने डॉ. गर्ग को बीती 18 दिसम्बर को आयोग का अध्यक्ष बनाया था। वे महज साढ़े चार महीने ही अध्यक्ष रह पाएंगे। उनसे पहले श्याम सुंदर शर्मा मात्र 2 महीने के लिए अध्यक्ष रहे थे।
दो सदस्यों के पद रिक्त आयोग में दो सदस्यों के पद भी रिक्त हैं। पहले श्यामसुंदर शर्मा और दूसरे एचए.एस. खींचड़ के कार्यकाल खत्म होने से यह स्थिति बनी है। आयोग में अध्यक्ष सहित सात सदस्य होते हैं। फिलहाल यहां डॉ. आर. डी. सैनी, राजकुमारी गुर्जर,
शिव सिंह राठौड़, सुरजीत लाल और एस.के. बागडिय़ा सदस्य हैं।