सरकार ने जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. पी. सी. त्रिवेदी, राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आर. के. कोठारी, उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव, डॉ. मोहम्मद नईम, कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप बोरड़ और अन्य की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं, परिणाम, अगले सत्र की प्रवेश प्रक्रिया से जुड़ी रिपोर्ट सौंपी है।
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चुनाव नहीं कराने की सिफारिशउच्च स्तरीय कमेटी ने पढ़ाई और परीक्षाओं में विलंब के चलते सत्र 2020-21 में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने की सिफारिश की है। कमेटी का कहना है कि सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं जुलाई से सितंबर तक चल सकती हैं। साथ ही पढ़ाई और प्रवेश कार्य भी करने हैं। ऐसे में चुनाव कराने से अनावश्यक विलंब होगा।
2010 से शुरू हुए थे चुनाव
राज्य में छात्रसंघ चुनाव पर 2005 से 2009 तक रोक लगाई थी। जे.एम.लिंगदोह समिति की सिफारिश पर 2010 से छात्रसंघ चुनाव की फिर से शुरुआत हुई। पिछले 9 साल से छात्रसंघ चुनाव अगस्त अंत में कराए जा रहे हैं। लेकिन मतदाता सूची बनाने, चुनाव कराने और मतगणना में एक महीने से ज्यादा का समय लग जाता है।
राज्य में छात्रसंघ चुनाव पर 2005 से 2009 तक रोक लगाई थी। जे.एम.लिंगदोह समिति की सिफारिश पर 2010 से छात्रसंघ चुनाव की फिर से शुरुआत हुई। पिछले 9 साल से छात्रसंघ चुनाव अगस्त अंत में कराए जा रहे हैं। लेकिन मतदाता सूची बनाने, चुनाव कराने और मतगणना में एक महीने से ज्यादा का समय लग जाता है।
Read More: Appointment: भर्ती में देरी, यूनिवर्सिटी में खाली हो रहे शिक्षकों के पद बकाया परीक्षाओं के साथ-साथ शैक्षिक सत्र काम बहुत अहम है। छात्रसंघ चुनाव कराए जाने पर पढ़ाई और अन्य कार्यों में विलंब होगा।
डॉ.एम.एल. अग्रवाल, प्राचार्य एसपीसी-जीसीए
डॉ.एम.एल. अग्रवाल, प्राचार्य एसपीसी-जीसीए
छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी होती है। चुनाव होने पर युवाओं को राजनीति में जाने का अवसर मिलेगा। नहीं होने पर एक साल छात्र राजनीति से वंचित होना पड़ेगा।
आसूराम डूकिया, महानगर मंत्री अभाविप
छात्रसंघ चुनाव के बारे में सरकार का फैसला सर्वोपरी है। जैसी परिस्थिति होगी उसके अनुसार निर्णय लेंगे।
नवीन सोनी, जिलाध्यक्ष एनएसयूआई
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छात्रसंघ चुनाव के बारे में सरकार का फैसला सर्वोपरी है। जैसी परिस्थिति होगी उसके अनुसार निर्णय लेंगे।
नवीन सोनी, जिलाध्यक्ष एनएसयूआई