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Big issue: कैसे चलेंगे इंजीनियरिंग कॉलेज, गहराया सैलेरी का संकट

locationअजमेरPublished: Mar 02, 2021 09:06:16 am

Submitted by:

raktim tiwari

बजट घोषणा में कोई प्रावधान नहीं किया गया। इसके चलते शिक्षकों-कर्मचारियों ने शैक्षिक और प्रशासनिक कामकाज का बेमियादी बहिष्कार जारी है।

कर्नाटक : इंजीनियरिंग फीस वृद्धि पर फैसला जल्द

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अजमेर.

राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज में वेतन-भत्तों को लेकर बेमियादी धरना जारी है। राज्य सरकार द्वारा बजट में प्रावधान सुनिश्चत नहीं करने पर स्टाफ ने कामकाज का बहिष्कार किया। मंगलवार को स्टाफ ने सामूहिक इस्तीफे सौंपे।
राजस्थान अभियांत्रिकी महाविद्यालय शिक्षक संघ (रेक्टा) के अध्यक्ष चम्पालाल कुमावत ने बताया कि बताया कि अजमेर सहित बीकानेर और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में वेतन-भत्तों को लेकर समस्याएं कायम हैं। ज्यादातर कॉलेज सेल्फ फाइनेसिंग स्कीम में संचालित हैं। कॉलेज को पृथक बजट नहीं मिलता। तकनीकी शिक्षा विभाग को ब्लॉक ग्रांट देने का प्रस्ताव भेजा गया था। बजट घोषणा में कोई प्रावधान नहीं किया गया। इसके चलते शिक्षकों-कर्मचारियों ने शैक्षिक और प्रशासनिक कामकाज का बेमियादी बहिष्कार जारी है।
सौंपे सामूहिक इस्तीफे
कार्य बहिष्कार के क्रम में मंगलवार को दोनों कॉलेज के स्टाफ ने प्राचार्यों को सामूहिक इस्तीफे सौंपे। शिक्षाकर्मियों ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने अजमेर सहित कुछ इंजीनियरिंग कॉलेज के सरकारी समायोजन का फैसला किया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। सेल्फ फाइनेंसिंग स्कीम में संचालित महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में सरकारी फीस भी लागू नहीं की गई है। सरकार को सभी इंजीनियरिंग कॉलेज को अपने अधीन लेकर स्टाफ का समायोजन करना चाहिए।
14 साल बाद दिखाई दी जमीन, हैरान रह गए लोग

अजमेर. उच्च शिक्षा विभाग को 14 साल बाद कन्या महाविद्यालय के नाम से आवंटित जमीन की याद आई। विभाग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने हलका पटवारी को भेजकर कायड़ रोड स्थित जमीन से झाडिय़ां और अतिक्रमण हटवाए। मंगलवार को जमीन को नपवाया जाएगा।
साल 2007-08 में सरकार ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय स्थित चौराहे पर 32 बीघा जमीन राजकीय कन्या महाविद्यालय को आवंटित की। छात्राओं की आवाजाही में परेशानी को देखते हुए महाविद्यालय ने वहां भवन बनाने से इन्कार कर दिया। बाद में सरकार ने 12 बीघा जमीन लॉ कॉलेज को आवंटित कर दी। कॉलेज से सटी 20 बीघा जमीन पर चाय की थडिय़ां, झुग्गी-झौंपड़ी बन गईं। बीते फरवरी में ‘ बरसों पहले आवंटित जमीन, अब ढूंढ रहा उच्च शिक्षा विभाग Óशीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
जेसीबी से हटवाई झाडिय़ां अतिक्रमण
हाल में उच्च शिक्षा विभाग ने एसपीसी-जीसीए को पत्र भेजकर राजकीय कन्या महाविद्यालय के नाम से आवंटित जमीन के बारे में पूछा। इसको लेकर लॉ कॉलेज से जानकारी ली गई तो इसके निकट 20 बीघा जमीन होना पाया गया। सोमवार को जिला कलक्टर के निर्देश पर हलका पटवारी लॉ कॉलेज पहुंचे। रीडर डॉ. आर.एन.चौधरी और अन्य ने झुग्गी-झौंपडिय़ों वालों से बातचीत कर अतिक्रमण हटाने को कहा। बाद में जेसीबी से झाडिय़ां और अतिक्रमण हटाए गए।
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