scriptबीजेपी ने किया ब्यावर नगर परिषद चेयरमेन को निलंबित, एसीबी को मिली केस चलाने की मंजूरी | BJP suspend municipal coporation chairman, green siganl for ACB | Patrika News
अजमेर

बीजेपी ने किया ब्यावर नगर परिषद चेयरमेन को निलंबित, एसीबी को मिली केस चलाने की मंजूरी

www.patrika.com/rajasthan-news

अजमेरAug 12, 2018 / 07:34 am

raktim tiwari

BJP suspend babita chuhan

BJP suspend babita chuhan

ब्यावर

सवा दो लाख की रिश्वत मामले में पकड़ी गई नगर परिषद के भाजपा बोर्ड की सभापति बबीता चौहान व उनके पति मंडल कार्यकारिणी सदस्य नरेन्द्र चौहान को प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी के निर्देश पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सेे निलम्बित कर दिया गया है। वहीं रिश्वत में दुकान लेने के मामले में भी अभियोजन स्वीकृति मिल गई है। एसीबी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
देहात भाजपा की ओर से सभापति के रिश्वत प्रकरण की जानकारी प्रदेश मुख्यालय को दिए जाने के बाद शनिवार को इन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। सभापति व उनके पति को चार दिन पूर्व उनके घर पर ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने सवा दो लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा था।
देहात भाजपा अध्यक्ष बी.पी. सारस्वत ने इसकी जानकारी प्रदेश मुख्यालय को दी थी। सारस्वत ने बताया कि शनिवार को उनका निलम्बन कर दिया गया है। गौरतलब है कि शनिवार के अंक में पत्रिका ने प्रदेशाध्यक्ष को ‘भेजी रिपोर्ट, गाज गिरना तय शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें संगठन की ओर से प्रदेश मुख्यालय को पूरे मामले से अवगत कराया गया था। इसके बाद माना जा रहा था कि इनका पार्टी से निलम्बित कर दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय मांगेगा आवेदन

यूजीसी के नियमानुसार स्थाई कुलपति के कार्यकाल समाप्ति से करीब एक माह पूर्व कुलपति पद के लिए आवेदन जारी होता है। लेकिन प्रो. श्रीमाली के निधन के बाद परिस्थितियां बदली हुई है। ऐसे में तत्काल सर्च कमेटी के गठन के बाद विश्वविद्यालय को कुलपति पद के लिए आवेदन मांगने होंगे।
यह होती है चयन प्रक्रिया
देश के विभिन्न शिक्षाविदें (प्रोफेसर) से आवेदन लेने के बाद कुलपति सर्च कमेटी योग्यतम की छंटनी करेगी। इनमें तीन या पांच नाम राज्य सरकार और राज्यपाल को भेजे जाएंगे। दोनों की सहमति पर स्थाई कुलपति की नियुक्ति की जाती है। लेकिन यह प्रक्रिया आसान नहीं होती है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के मामले में तो लगातार 31 साल से ऐसा ही हुआ है। यहां स्थाई कुलपति का कार्यकाल समाप्त या निधन होने की स्थिति में कार्यवाहक कुलपति नियुक्ति होते रहे हैं। नए कुलपति के चयन और नियुक्ति में सरकार और राजभवन स्तर पर आठ से नौ महीने लगाए जाते हैं।

Home / Ajmer / बीजेपी ने किया ब्यावर नगर परिषद चेयरमेन को निलंबित, एसीबी को मिली केस चलाने की मंजूरी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो