विश्वविद्यालय मांगेगा आवेदन यूजीसी के नियमानुसार स्थाई कुलपति के कार्यकाल समाप्ति से करीब एक माह पूर्व कुलपति पद के लिए आवेदन जारी होता है। लेकिन प्रो. श्रीमाली के निधन के बाद परिस्थितियां बदली हुई है। ऐसे में तत्काल सर्च कमेटी के गठन के बाद विश्वविद्यालय को कुलपति पद के लिए आवेदन मांगने होंगे।
देश के विभिन्न शिक्षाविदें (प्रोफेसर) से आवेदन लेने के बाद कुलपति सर्च कमेटी योग्यतम की छंटनी करेगी। इनमें तीन या पांच नाम राज्य सरकार और राज्यपाल को भेजे जाएंगे। दोनों की सहमति पर स्थाई कुलपति की नियुक्ति की जाती है। लेकिन यह प्रक्रिया आसान नहीं होती है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के मामले में तो लगातार 31 साल से ऐसा ही हुआ है। यहां स्थाई कुलपति का कार्यकाल समाप्त या निधन होने की स्थिति में कार्यवाहक कुलपति नियुक्ति होते रहे हैं। नए कुलपति के चयन और नियुक्ति में सरकार और राजभवन स्तर पर आठ से नौ महीने लगाए जाते हैं।