पेशे से शिक्षक नेत्रहीन अजय कुमार यादव ने बताया कि मेरी पत्नी भी नेत्रहीन है। हम एक दूसरे पर निर्भर हैं। बिना बिजली के जैसे तैसे सर्दिया निकाली,पिछले डेढ़ माह में लॉक डाउन के कारण शिकायत करने भी जा सके। लॉक डाउन खुला तो अपनी पीड़ा लेकर यह एडीए पहुंचे। यादव ने बताया कि हमारे अलावा 50 परिवार डी ब्लॉक में 26 नवम्बर से बिना बिजली व पानी के रह रहे थे। टाटा पावर ने बिजली काट दी। अब कनेक्शन जुड़वाने के लिए टाटा पावर व एडीए के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
जो सक्षम थे वो चले गए
जिला कलक्टर को दिया ज्ञापन में बताया कि हम नेत्रहीन दम्पत्ती फ्लैट नम्बर डी-109 में रह रहे हैं। बिजली व पानी नहीं होने से दृष्टीवार व आर्थिक रूप से सम्पन्न परिवार दूसरी जगह तथा अपने रिश्तेदारों के यहां रहने चले गए। हमारी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं होने तथा दृष्टिहीन होने के कारण नहीं जा सके ।
दुर्घटना हुई तो सरकार होगी उत्तरदायी
नेत्रहीन दम्पत्ती ने मामले को लेकर कलट्रेट कार्यालय में दूरभाष पर बात कर अपनी पीड़ा बताई तो वहां से कहा गया कि कंट्रोलरूम से बात करें। जब कंट्रोल रूम से बात की गई तो वहां से कहा गया कि यह तो कोरोना वायरस से सम्बन्धित है। प्रार्थी ऐसी स्थिति में क्या करे। बिजली-पानी के अभाव में दैनिक जीवन जीने में असमर्थ हैं। यदि उनके साथ कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए सरकार उत्तरदायी होगी। दम्पत्ती ने मामले की जानकारी नेत्रहीन संघ व मुख्यमंत्री को भी दी है।
1.22 लाख का बिल बकाया
टाटा पावर के सीईओ गजानन्द काले के अनुसार योजना में आंतरिक विकास कार्य बिल्डर/ एडीए द्वारा ही करवाया जाना है। बिल्डर ने अस्थाई विद्युत कनेक्शन का 1 लाख 22 हजार 505 रुपए की राशि जमा नहीं करवाई है। इसके बाद कनेक्शन काटा गया है। बिल्डर द्वारा इसी अस्थाई कनेक्शन से आवंटियों को विद्युत कनेक्शन दे रखे थे जो नवम्बर 2019 से बंद हैं। यदि यह राशि जमा करवा दी जाती है तो कनेक्शन चालू कर दिया जाएगा।
इनका कहना है
गोल्डर इफ्रा के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। जुर्माना लगाया गया है। कान्ट्रेक्ट निरस्त करने के लिए मामला स्टेट लेबल कमेटी के समक्ष उठाया गया है। डी ब्लॉक निर्माण नियमानुसार नहीं है। नक्शा पास नहीं किया जा सकता। यहां पावर हाउस निर्माण के लिए टाटा पावर को पैसा दिया जा चुका है।
गौरव अग्रवाल,आयुक्त अजमेर विकास प्राधिकरण
इस बार में गोल्ड सुख के चेयरमैन सुरेन्द्र गुप्ता व एमडी अमित गुप्ता से कई बार बात करने का प्रयास किया गया। अमित गुप्ता ने कहा कि वे इस बारे में बाद में बात करेंगे लेकिन उनका फोन नहीं आया।