एचपीसीएल के कोटा डिपो स्थित डिप्टी जनरल मैनेजर राजेश कुमार सिंह ने टोंक के निवाई स्थित दीक्षा पेट्रोल पम्प संचालक प्रदीश वर्मा से कार्रवाई नहीं करने की एवज में दो लाख रुपए रिश्वत मांगी। प्रदीश ने यह राशि सिंह के दलाल सवाई माधोपुर खंडार निवासी पेट्रोल पम्प संचालक किशन विजय को सौंपी। किशन ने रिश्वत राशि में से 1 लाख रुपए खुद रखे। जबकि 1 लाख रुपए लेकर जयपुर पहुंचा। यहां एसीबी की टीम ने सिंह और किशन को दो लाख रुपए राशि सहित गिरफ्तार कर लिया।
घूसकांड का नेटवर्क बड़ा होने के चलते एसीबी की जयपुर और अजमेर टीम ने चार जगह कार्रवाई अंजाम दी। इसमें राजेश कुमार सिंह और किशन को जयपुर में पकड़ा। जबकि टोंक निवाई स्थित दीक्षा पेट्रोल पम्प, टोंक अलीगढ़ स्थित बजरंग फिलिंग स्टेशन पर पड़ताल की गई। एसीबी ने पेट्रोल पम्प संचालकों से पेट्रोल के लाइसेंस, अनापत्ति प्रमाण पत्र और अन्य मामलों में पूछताछ की। इसके अलावा दलाल किशन के सवाई माधोपुर खंडार स्थित आवास पर भी तलाश ली गई।
अजमेर में एसीबी की टीम सीआई मीरा बेनीवाल के नेतृत्व में एचपीसीएल के सेल्स ऑफिसर के आवास पर पहुंची। यहां मकान पर ताला लगा मिला। अधिकारियों ने अधिकारी की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए मकान को सीज कर दिया। मालूम हो कि अधिकारी लम्बे समय से अजमेर में तैनात था।
एचपीसीएल के डीजीएम और दलाल को जयपुर में दो लाख रुपए रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया है। टोंक में पेट्रोल पम्प संचालकों और सवाई माधोपुर-अजमेर में भी विभिन्न मामलों में तफ्तीश जारी है। एसीबी की जयपुर और अजमेर टीम कार्रवाई में जुटी है।
समीर कुमार सिंह, एसपी एसीबी अजमेर