दोगुनी हुई निर्माण सामग्री की कीमत बिल्डिंग निर्माण सामग्री की कीमतों में उछाल आया है। इसकी वजह से भवन निर्माण और मरम्मत कराने वालों को एक बार सोचना पड़ रहा है। सीमेंट के दामों में पिछले दो सालों में सबसे ज्यादा तेजी है। प्रति बैग १०० रुपए की तेजी के साथ अभी सीमेंट का एक बैग ३३० से ३८० रुपए का मिल रहा है। बजरी ने निर्माणकर्ताओं के पसीने छुड़ा दिए हैं। अव्वल तो बजरी के नाम पर रेत बिक रही है। अगर कहीं से मिल भी रही है तो मुंह मांगे दाम पर। जो बजरी पहले एक हजार रुपए प्रति ट्रॉली मिल जाती थी, वह अब ढाई से तीन हजार रुपए में बिक रही है। सरिए के भावों में दोगुनी तेजी है। लोहे का भाव पहले २५ से २६ रुपए प्रतिकिलो था। अब ६० से ६५ रुपए प्रतिकिलो है। भवन निर्माण में बहुतायत से प्रयुक्त पीवीसी के भाव में भी दोगुनी बढ़त है। पहले ६५ से ७० रुपए प्रतिकिलो का पीवीसी अब १४० रुपए प्रतिकिलो हो गया है।
मकान निर्माण पर सीधा असर
मकान निर्माण पर सीधा असर
मकान की कीमत आमतौर पर जमीन के भाव पर निर्भर हुआ करती है। लेकिन इन दिनों बिल्डिंग मटेरियल के दामों ने मकानों का निर्माण भी काफी महंगा कर दिया है। भवन निर्माण ठेकेदारों की मानें तो लॉकडाउन लगने के पहले बिल्डिंग मटेरियल के दाम कम होने के कारण 500 स्क्वायर फुट की जमीन पर मकान बनाने में करीब 4 से 5 लाख रुपए की लागत आती थी। वहीं लॉकडाउन खुलने के बाद बिल्डिंग मटेरियल में तेजी आने से 7 से 8 लाख रुपए की लागत आ रही है। पहले एक कमरे की लागत में करीब 1.50 का खर्चा आता था, वहीं अब ढाई लाख से अधिक की लागत आ रही है। इसके चलते आम लोगों को मकान बनाना पहले से कठिन हो गया है।
इनका कहना है
इनका कहना है
लॉकडाउन के दौरान लोग नया घर बनवाने और मरम्मत से कतरा रहे थे। लॉकडाउन से राहत मिलने और त्योहारी सीजन के चलते निर्माण कार्याें में यकायक तेजी आई है। बिल्डिंग मटेरियल के भाव आगे से ही काफी तेज हैं। सीमेंट, लोहा , प्लास्टिक आदि काफी महंगा हो गया है।
-योगेश गुप्ता,भवन निर्माण सामग्री विक्रेता
-योगेश गुप्ता,भवन निर्माण सामग्री विक्रेता
लॉकडाउन के चलते मकानों के निर्माण और मरम्मत का काम रुक गया था। भवन निर्माण सामग्रियों की कीमत में उछाल है। लेबर भी बढ़ गई है। इसकी वजह से भवन निर्माण और मरम्मत महंगी हो गई है।
भंवरलाल, ठेकेदार