scriptआचरण को उत्तम रखने से भक्त के ह्दय में प्रभु का निवास – उत्तम शास्त्री | By keeping good conduct, God resides in the heart of the devotee | Patrika News
अजमेर

आचरण को उत्तम रखने से भक्त के ह्दय में प्रभु का निवास – उत्तम शास्त्री

राम जानकी सत्संग सेवा परिवार की ओर से चल रही रामकथा के छठे दिन व्यास पीठ राम स्नेही संत उत्तम राम शास्त्री ने राम वनवास प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रभु का निवास स्थान उस भक्त के हृदय में बताया है जो अपने आचरण को उत्तम रखता है।

अजमेरDec 30, 2023 / 10:41 pm

Dilip

आचरण को उत्तम रखने से भक्त के ह्दय में प्रभु का निवास - उत्तम शास्त्री

आचरण को उत्तम रखने से भक्त के ह्दय में प्रभु का निवास – उत्तम शास्त्री

राम जानकी सत्संग सेवा परिवार की ओर से चल रही रामकथा के छठे दिन व्यास पीठ राम स्नेही संत उत्तम राम शास्त्री ने राम वनवास प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रभु का निवास स्थान उस भक्त के हृदय में बताया है जो अपने आचरण को उत्तम रखता है।
श्रवण कुमार कथा वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि जन्म के साथ ही आपकी मृत्यु निश्चित है मृत्यु से डरना क्या जब आपका जन्म होता है उसी क्षण आपकी मृत्यु भी निश्चित हो जाती है। इंसान पहले काम के पीछे भागता है फिर अर्थ के पीछे भागता है उसके बाद धर्म के पीछे भागता है और सबसे अंत में मोक्ष के पीछे भागता है। मोक्ष कोई एक दिन की घटना नहीं है इसके लिए तो जीवन पर्यंत आपको अभ्यास करना पड़ता है तब कहीं जाकर आप मोक्ष के अधिकारी होते हैं जीवन में जब चाहूं और से हार जाओ तो संतो और सत्संग का समागम कर लो।सीता हरण प्रसंग में उन्होंने बताया कि राह चलते किसी भी साधु वेश को देखकर उसके चरणों में मत पड़ जाना। पानी पियो छानकर गुरु करो जानकर। ज्ञान भक्ति वैराग्य तीनों गुण हो ऐसे संतों का अनुसरण करो। किंतु दूसरे का ज्ञान भक्ति वैराग्य परखने के लिए खुद के भीतर तो ज्ञान जगाओ खुद के भीतर तो भक्ति जगाओ। भरत जैसा त्याग और राम जैसा स्नेह भाई भाई में हो तो हर घर स्वर्ग है।

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