तस्करी के कारण 1. कई ऊंट बूढ़े होने के कारण नकारा हो जाते हैं। खेती-बाड़ी के काम नहीं आते। 2. ऐसी ऊंटनी जो दूध नहीं देती, उन्हें पशुपालक बेचने को तैयार हो जाते हैं।
3. ऊंटनी का दूध बेचने के लिए डेयरी की व्यवस्था नहीं, दूध की कीमत भी तय नहीं है।
4. गोशालाओं की तरह ऊंटशाला नहीं होने से ऊंटों का संरक्षण नहीं।
5. ऊंटपालकों के लिए विशेष अनुदान की व्यवस्था नहीं। राज्य के बाहर गए 2000 ऊंट! रायक रेबारी समाज के महंत रघुनाथ दास ने दावा किया कि राज्य के बाहर 2000 ऊंट गए हैं। पुष्कर पशु हाट मेले में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात से आए व्यापारी यहां से ऊंट खरीद कर ले गए हैं। हमारे पशुपालकों ने ही चि_ी (रवन्ना) बनाई है। सरकार की तरफ से रोक है लेकिन चोरी-छिपे तस्करी हो रही है। पशुपालकों को लालच देकर ऐसा कार्य किया जा रहा है। महंत का आरोप है कि इस बार पुष्कर पशु मेले का नाम हाट मेला रखे जाने से इसका फायदा उठाया गया है।
किसने क्या कहा… मेले में इस बार ऐसे ऊंट-ऊंटनी की बिक्री हुई है जो खेती के काम के नहीं रहे। दूध देने वाली नहीं हैं। इससे साफ है ऊंटों की तस्करी कत्लखाने ले जाने के लिए हुई है। इसका मुख्य कारण ऊंटपालन का खर्चा बढऩा भी है। डेयरी नहीं खुल रही। ऐसे में पशुपालक हर किसी को ऊंट बेचने को तैयार हो जाते हैं। इस बार मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र तक ऊंट ले जाने की जानकारी है।
-सांवर, पशुपालक, राजाजी का करेड़ा (मांडल तहसील) कई लोग गाड़ी की गाड़ी भर कर ले गए हैं। पंजाब, हरियाणा तक लोग ऊंट लेकर गए हैं। इनमें कई बीमार व चोटिल होने से नाकारा हुए ऊंट भी बिके हैं। हालांकि हम लोग ऐसे लोगों को ऊंट नहीं बेच रहे जो कत्लखाने ले जाने के लिए ऊंटों की खरीद करते हैं।
-विजय, पशुपालक, हनुमानगढ़ दबी जुबान में स्वीकार रहे अधिकारी पशुपालन विभाग के अधिकारी भी दबी जुबान में राज्य के बाहर ऊंट जाना स्वीकार कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अन्य राज्यों के सीमावर्ती जिलों के लोग यहां से ऊंट अधिकृत रूप से खरीद कर ले जाते हैं और वहां जाकर रातों रात ऊंटों को सीमा पार करवा देते हैं।
इनका कहना है ऐसी कोई जानकारी हमारे पास नहीं आई है। इस बार मेले में पशु भी कम आए हैं। ऊंटों को राज्य के बाहर ले जाने की कोई सूचना नहीं मिली है।
-गजानंद, पुष्कर प्रभारी विदेशी पंजीकरण शाखा राज्य के बाहर की रवन्ना पर्ची पशुपालन विभाग से नहीं काटी जाती है। -प्रफुल्ल माथुर, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग प्रशासन की तरफ से राज्य के बाहर के लिए एक भी ऊंट ले जाने की इजाजत नहीं दी गई है।
-सुखाराम पिंडेल, मेला मजिस्ट्रेट