बोर्ड, विश्वविद्यालय अथवा संस्था के विद्यार्थियों के शैक्षिक दस्तावेज डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध रहते हैं। इनमें प्रमाण पत्र, अंकतालिका, डिग्री, माइग्रेशन सर्टिफिकेट शामिल होते हैं। विद्यार्थियों के देश अथवा विदेश में पढ़ाई या नौकरी के लिए आवेदन करने, चयनित होने पर नियमानुसार दस्तावेजों की जांच होती है। विदेश मंत्रालय इन दस्तावेजों की जांच सीबीएसई अैार अन्य बोर्ड से कराता है। इनके डिजिटल प्रारूप की उपलब्धता पर मंत्रालय संबंधित संस्था को ई-सनद प्रदान करता है।
दस्तावेजों के डिजिटलीकरण के बाद संस्थाओं के लिए सर्टिफिकेट और अंकतालिका डाक या खुद विद्यार्थियों से मंगवाने और जांचने का झंझट नहीं रहेगा। देश-विदेश की शैक्षिक संस्थाएं, निजी और सरकारी कम्पनियां इन दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच कर सकेंगी। जरूरत पडऩे पर सीबीएसई को 100 रुपए फीस देकर इनका प्रिंट ले सकेंगी।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अकादमिक संग्रहण केंद्र (नेशनल एकेडेमिक डिपॉजिटरी) योजना के तहत शैक्षिक दस्तावेजों का डिजिटल डाटा बैंक तैयार करने को कहा है। इसमें विद्यार्थियों की स्नातक/स्नातकोत्तर और अन्य पाठ्यक्रमों की डिग्री, डिप्लोमा, अंकतालिकाएं, प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज डिजिटल प्रारूप में 24 घंटे ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। सभी केंद्रीय, राज्य डीम्ड विश्वविद्यालय, कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम और राष्ट्रीय संस्थाओं को दस्तावेजों का डिजिटल डाटा बैंक बनाकर राष्ट्रीय अकादमी संग्रहण केंद्र से जोडऩा होगा।
-विद्यार्थियों को 24 घंटे मिल सकेंगे डिजिटल दस्तावेज
-ई-पेमेन्ट या ई-चालान से मिलेगा शुल्क
-भर्ती परीक्षाओं, नियुक्तियों के दौरान दस्तावेजों का सत्यापन आसान