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अजमेर

2020 तक बदल जाएगा पूरा सीबीएसई, स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट्स रहेंगे खास लॉकर में

सभी स्टूडेंट्स के सर्टिफिकेट और मार्कशीट ई-लॉकर में रहेंगे।इसे विदेश मंत्रालय ई-सनद पहले ही दे चुका है।

अजमेरJan 14, 2018 / 07:12 am

raktim tiwari

cbse e-documents 2020

cbse e-documents 2020

रक्तिम तिवारी/अजमेर।

सर्टिफिकेट और अंकतालिका डाक या खुद विद्यार्थियों से मंगवाने और जांचने के दिन लदने वाले हैं। सीबीएसई ने विद्यार्थियों के दस्तावेजों का डिजिटल लॉकर तैयार कर दिया है। 2020 तक सभी स्टूडेंट्स के सर्टिफिकेट और मार्कशीट ई-लॉकर में रहेंगे। शैक्षिक संस्थाएं, निजी और सरकारी कम्पनियां देश-विदेश में बैठे इन दस्तावेजों की जांच कर सकेंगी। इसे विदेश मंत्रालय ई-सनद पहले ही दे चुका है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया योजना के तहत दस्तावेजों को डिजिटल प्रारूप में बदलने के निर्देश दिए हैं। सीबीएसई इसमें अव्वल रहा है। बोर्ड ने करीब 25 लाख विद्यार्थियों के दसवीं और बारहवीं के पासिंग सर्टिफिकेट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट और अंकतालिकाओं को डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध कराया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने ई-सनद प्रदान की है।
वर्ष 2014, 2105 और 2016 के 25 लाख विद्यार्थियों के डिजिटल दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं। बोर्ड के परिणाम मंजूषा संग्रहण में भी यह दस्तावेज उपलब्ध रहेंगे। 2020 तक सीबीएसई पूरी तरह डिजिटल हो जाएगा। पुराने और नए स्टूडेंट्स के ई-डॉक्यूमेंट्स तैयार होंगे।
यह है ई-सनद..
बोर्ड, विश्वविद्यालय अथवा संस्था के विद्यार्थियों के शैक्षिक दस्तावेज डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध रहते हैं। इनमें प्रमाण पत्र, अंकतालिका, डिग्री, माइग्रेशन सर्टिफिकेट शामिल होते हैं। विद्यार्थियों के देश अथवा विदेश में पढ़ाई या नौकरी के लिए आवेदन करने, चयनित होने पर नियमानुसार दस्तावेजों की जांच होती है। विदेश मंत्रालय इन दस्तावेजों की जांच सीबीएसई अैार अन्य बोर्ड से कराता है। इनके डिजिटल प्रारूप की उपलब्धता पर मंत्रालय संबंधित संस्था को ई-सनद प्रदान करता है।
कहीं भी बैठे जांचें दस्तावेज
दस्तावेजों के डिजिटलीकरण के बाद संस्थाओं के लिए सर्टिफिकेट और अंकतालिका डाक या खुद विद्यार्थियों से मंगवाने और जांचने का झंझट नहीं रहेगा। देश-विदेश की शैक्षिक संस्थाएं, निजी और सरकारी कम्पनियां इन दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच कर सकेंगी। जरूरत पडऩे पर सीबीएसई को 100 रुपए फीस देकर इनका प्रिंट ले सकेंगी।
बन रही नेशनल एकेडेमिक डिपॉजिटरी
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अकादमिक संग्रहण केंद्र (नेशनल एकेडेमिक डिपॉजिटरी) योजना के तहत शैक्षिक दस्तावेजों का डिजिटल डाटा बैंक तैयार करने को कहा है। इसमें विद्यार्थियों की स्नातक/स्नातकोत्तर और अन्य पाठ्यक्रमों की डिग्री, डिप्लोमा, अंकतालिकाएं, प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज डिजिटल प्रारूप में 24 घंटे ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। सभी केंद्रीय, राज्य डीम्ड विश्वविद्यालय, कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम और राष्ट्रीय संस्थाओं को दस्तावेजों का डिजिटल डाटा बैंक बनाकर राष्ट्रीय अकादमी संग्रहण केंद्र से जोडऩा होगा।
संस्थाओं-विद्यार्थियों को फायदा
-विद्यार्थियों को 24 घंटे मिल सकेंगे डिजिटल दस्तावेज
-ई-पेमेन्ट या ई-चालान से मिलेगा शुल्क
-भर्ती परीक्षाओं, नियुक्तियों के दौरान दस्तावेजों का सत्यापन आसान

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