कोरोना संक्रमण और राज्यों में लॉकडाउन के चलते सीबीएसई स्कूल में 1 अप्रेल से सत्र 2021-22 शुरू नहीं हो पाया है। स्कूल नहीं खुलने से विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। पिछले सत्र की दसवीं की परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं। बारहवीं की परीक्षाओं पर फैसला होना बाकी है। पिछले साल हुई थी कटौतीपिछले साल भी लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते पढ़ाई का नुकसान हुआ था। बोर्ड ने जुलाई 2020 में में दसवीं-बारहवीं के कोर्स मेंं 30 फीसदी कटौती की थी। हालांकि बोर्ड से कई परिजनों,विद्यार्थियों की तरफ से सिलेबस में 50 फीसदी कटौती की मांग की थी।
इस बार हालात ज्यादा खराब
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण इस साल स्थिति ज्यादा खराब है। आईआईटी कानपुर, एम्स दिल्ली सहित कई संस्थाओं ने तीसरी लहर की संभावना भी जताई है। कई राज्यों में मई अंत तक लॉकडाउन जारी रखा गया है। ऐसे में जून-जुलाई तक हालात सामान्य होने मुश्किल हैं। सीबीएसई को सत्र 2021-22 में दसवीं-बारहवीं कक्षा के सिलेबस को लेकर फैसला लेना पड़ सकता है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण इस साल स्थिति ज्यादा खराब है। आईआईटी कानपुर, एम्स दिल्ली सहित कई संस्थाओं ने तीसरी लहर की संभावना भी जताई है। कई राज्यों में मई अंत तक लॉकडाउन जारी रखा गया है। ऐसे में जून-जुलाई तक हालात सामान्य होने मुश्किल हैं। सीबीएसई को सत्र 2021-22 में दसवीं-बारहवीं कक्षा के सिलेबस को लेकर फैसला लेना पड़ सकता है।
विद्यार्थियों को हो रहा यह नुकसान
-सभी राज्यों में सरकारी, प्राइवेट, पब्लिक स्कूल बंद
-कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन कक्षाएं भी ठप
-बाजार-दुकानें बंद होने से एनसीईआरटी की किताबें अनुपलब्ध
-सीबीएसई के ई-कंटेंट/कोर्स ही पढ़ाई का विकल्प
-ऑनलाइन पढ़ाई से विद्यार्थियों को नहीं ज्यादा मदद
-ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने का नहीं अता-पता
-सभी राज्यों में सरकारी, प्राइवेट, पब्लिक स्कूल बंद
-कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन कक्षाएं भी ठप
-बाजार-दुकानें बंद होने से एनसीईआरटी की किताबें अनुपलब्ध
-सीबीएसई के ई-कंटेंट/कोर्स ही पढ़ाई का विकल्प
-ऑनलाइन पढ़ाई से विद्यार्थियों को नहीं ज्यादा मदद
-ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने का नहीं अता-पता
यूं तो बोर्ड ने अप्रेल में नया सत्र शुरू होने के मद्देनजरदसवीं-बारहवीं के सिलेबस को लेकर आदेश निकाले थे। लेकिन उसके बाद हालात बदले हैं। इसको लेकर एक्सपर्ट और एकेडेमिक विभाग चर्चा कर सकते हैं। परिस्थितियों के हिसाब से ही पाठ्यक्रम यथावत रखने या कटौती पर फैसला लिया जाएगा।
डॉ. संयम भारद्वाज, परीक्षा नियंत्रक सीबीएसई