पत्रिका ने खुलासा किया तो रोका भुगतान जिम के नाम पर फर्जीवाड़ा करने तथा घटिया माल लगाने के मामले का राजस्थान पत्रिका 16 अक्टूबर 2018 को खुलासा किया तो नगर निगम ने ठेकेदार का 1.10 करोड़ का भुगतान रोक दिया। निगम अधिकारियों ने ठेकेदार को स्मार्ट सिटी के तहत शहर में लगी जिम की तरह ही मशीनें लगाने के निर्देश दिए। जिम की मशीनें बदलने के लिए ठेकेदार को कई बार चेतावनी भी दी गई। इसके बाद ठेकदार को महाराष्ट से जिम की नई मशीनें मंगवानी पड़ी। इसी ठेकेदार को स्मार्ट सिटी के तहत विकसित किए गए शहर के 10 पार्कों में भी जिम लगाने है लेकिन समय सीमा बीतने के बाद भी अब तक इन पार्कों में जिम नहीं लगाई गई है।
लोंगों को कसरत करने के लिए लगाई गई ओपन एयर जिम मानकों पर खरी नहीं है जिम की मशीनों का निर्माण नगर निगम के पास ही खाईलैंड में हुआ है। मशीन पर रबड़ की ग्रिप, मैट का अभाव है,प्लास्टिक की क्वालिटी भी ठीक नहीं है। जिम की मशीनें टूटने लगी है। बैरिंग खुली पड़ी है व जाम है। मशीनों से खट-खट की आवाजें आ रही है। जिम करने पर झटके लग रहे है इससे आंतरिक चोट आ सकती है। उपकरणों की वेल्डिंग व मोडऩा मशीन से ना होकर हथौड़े से या अच्छी तरह से नही की गई है। मशीनों के फाउंडेशन व नट बोल्ट भी उखडऩे लगे हैं। जिम की कई मशीनें टूट चुकी हैं। मशीनों पर घटिया क्वालिटी का पेंट किया गया है वह भी छूट गया है। जिम करने से सम्बन्धित सूचना बोर्ड नहीं लगे हैं। इनका कहना है
ओम प्रकाश ढींढवाल, एक्सईएन नगर निगम अजमेर