चतुर्वेदी ने बताया कि इस मेले को बाल मैत्री बनाने के लिए आयोग सभी विभागों से सहयोग लेगा जिसमें खास सहयोग चिकित्सा विभाग का रहेगा। साथ ही बच्चों से सम्बन्धित सरकारी योजनाओं व बाल कानूनों जैसे शिक्षा का अधिकार इत्यादि की जानकारी हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जानकारी व चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित कर बच्चों को जागरूक किया जाएगा। मेले में प्रोजेक्टर पर चित्रों व लेखन के माध्ययम से प्रदर्शित कर बच्चों को जागरूक किया जाएगा।
चाइल्ड लेबर फ्री होगा मेला मैत्री मेले की खास बात यह रहेगी कि मेले में स्टॉल्स इत्यादि पर काम करने वाले मासूम बच्चों पर इस बार आयोग की नजर रहेगी। स्टॉल्स पर बालश्रम करने वाले बच्चों को मुक्त कराने के साथ ही भिक्षावृत्ति से दूर रखकर बच्चों के प्रति नर्म दृष्टिकोण रखा जाएगा।
पिछले वर्ष कोलकता में पहली बार चाइल्ड फ्रेन्डली मेले का प्रयास किया गया था जिसमें एनसीपीसीआर की गाइडलाइन्स के अनुरूप काम किया गया था लेकिन राजस्थान में इन गाइडलाइन्स को पहली बार मर्ज कर के इस मेले को विशेष बनाया जाएगा।
फ्रेंडली मेले में बच्चों के लिए विशेष स्टॉल्स लगाकर इस मेले को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाएगा। आयोग अध्यक्ष चतुर्वेदी ने बताया कि राजस्थान का पहले चाइल्ड फ्रेंडली मेले की शुरूआत अन्तर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले से की जाएगी। मेले में बच्चों के लिए विशेष स्टॉल्स लगाकर ना केवल बच्चों को मेले में आकर्षित किया जाएगा बल्कि दूर-दराज से मेले में आने बच्चे जो अपने परिजनों से बिछड़े हो उन्हें मिलाने, बच्चों को भिक्षावृति से दूर रखने व बच्चों के लिए प्राथमिक उपचार व बाल अधिकार व कानूनों की जानकारी मेलें में स्टॉल्स के माध्यम से पेरेन्ट्स के साथ बच्चों को दी जाएगी।