वर्ष 2018 में अजमेर को स्वच्छता सर्वेक्षण में 106वीं रैंकिंग मिली थी। वर्ष 2019 में इसमें बड़ी गिरावट आई और अजमेर 266 वें स्थान पर पहुंच गया। वर्ष 2020 में 178 और अब 2021 में अजमेर स्वच्छता रैंकिंग में 168 दर्ज हुई है।
इसलिए रह गए पीछे..
इसलिए रह गए पीछे..
निर्माण एवं तोडफ़ोड वेस्ट (कंस्ट्रक्शन एण्ड डिमोलिशन वेस्ट) के निस्तारण की कोई योजना ही नहीं। शहर में इसके लिए तीन जगह चिन्हित करने बात जरूर हुई लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा। शहर की सड़कों बिल्डिंग वेस्ट का डम्पिंग यार्ड बन रह रही हैं। शहर के लोगों अपेक्षित जनभागीदारी नहीं है। गीला व सूखा कचरा सेग्रीगेशन की व्यवस्था नहीं। नए ऑटो टिपर खरीदे गए लेकिन कचरा एकत्रित करने का ढर्रा पुराना ही है। न तो समय पर कचरा उठता है और नही शहर में पर्याप्त सफाई हो रही है। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण सिस्टम को लेकर कई शिकायतें हैं।
सीवर लाइन,एसटीपी भी चालू नहीं
सीवर लाइन,एसटीपी भी चालू नहीं
पूरे शहर में न तो सीवर लाइन डाली गई है और न ही लक्ष्य के अनुरूप सभी घरों को सीवर लाइन से जोड़ा गया है। सीवर चैम्बर भी प्रोजेक्ट के अनुसार नहीं बने, तीन में से दो एसटीपी बंद पड़े हैं।
कचरा निस्तारण प्लांट ही नहीं
कचरा निस्तारण प्लांट ही नहीं
शहर में 250 टन कचरा एकत्रित होता है। इसे नसीराबाद रोड डम्पिंग ग्राउड पर खुले में डाल दिया जाता है। यहां कचरा प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने से कचरा प्रोसेस नहीं हो पाता। यह कचरा खुले में ही सड़ता रहता है। डम्पिग यार्ड के 2 लाख 20 हजार टन कचरे को प्रोसेस कर हटाया जाना है लेकिन नगर निगम यहां हाल ही प्रोसेसिंग काम शुरू हुआ है।
जिला देशभर में 364 वें नम्बर पर
जिला देशभर में 364 वें नम्बर पर
देशभर के कुल जिलों में 748 जिलों में स्वच्छता रैंकिग में अजमेर जिला 367 स्थान पर है। जबकि जयपुर जिला 138 वें नम्बर पर हैं। उदयपुर 145, जोधपुर 198, झालावाड़ 278, जैसलमेर 311, बीकानेर 334 तथा कोटा 371वें नम्बर पर है।
ऐसे हो सकता है स्वच्छता रैंकिग में सुधार
शहर को कचरा मुक्त बनाया जाए। प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाई जाए। डोर-टू डोर कचरा संगहण को प्रभावी बनाया जाए। गीला कचरा अलग-अलग करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जाए। शहर के प्रत्येक घर को सीवरेज से जोड़ा जाए। खानपुरा में बनाए गए 20 को संचालित किया जाए। 40 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण पूरा किया जाए। पुष्कर में भी एसटीपी का निर्माण पूरा किया जाए। ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरा निस्तारण प्लांट लगाया जाए। पुराने कचरे को प्रोसेस किया जाए। शहर व जिले में निर्माण एवं तोडफ़ोड वेस्ट (कंस्ट्रक्शन एण्ड डिमोलिशन वेस्ट) के निस्तारण की कोई योजना बनाई जाए।
शहर को कचरा मुक्त बनाया जाए। प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाई जाए। डोर-टू डोर कचरा संगहण को प्रभावी बनाया जाए। गीला कचरा अलग-अलग करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जाए। शहर के प्रत्येक घर को सीवरेज से जोड़ा जाए। खानपुरा में बनाए गए 20 को संचालित किया जाए। 40 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण पूरा किया जाए। पुष्कर में भी एसटीपी का निर्माण पूरा किया जाए। ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरा निस्तारण प्लांट लगाया जाए। पुराने कचरे को प्रोसेस किया जाए। शहर व जिले में निर्माण एवं तोडफ़ोड वेस्ट (कंस्ट्रक्शन एण्ड डिमोलिशन वेस्ट) के निस्तारण की कोई योजना बनाई जाए।
इन पर है दारोमदार…
महापौर बृजलता हाड़ा। नगर निगम कमिश्नर देवेन्द्र कुमार। read more:फ्री होल्ट पट्टे के लिए आमजन को करेंगे सहयोग: एलडीएम
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