इस सेक्शन में होने वाले काम के लिए अजमेर डिस्कॉम ने 1.87 करोड़ तथा टाटा पावर ने 3.44 करोड़ रुपए का डिमांड नोट स्मार्ट सिटी को दिया था। निगम ने डिमांड नोटdemand note में जहां करीब 25 आईटम ही लिए हैं वहीं टाटा पावर ने 100 से अधिक आईटम की सूची जारी की। कई आईटम अनावश्यक हैं। मामले में खास यह भी है कि इस रोड को अजमेर डिस्कॉम ने आरएपीडीआरपी योजना के तहत पहले ही अंडरग्राउंड कर रखा है। आरएमयू भी सडक़ किनारे लगाए जा चुके हैं। बिजली की लाइनों की शिफ्टिंग के लिए दिए गए करोड़ों रुपए के डिमांड नोट को जिला कलक्टरCollector ने गंभीरता से लेते हुए दोनों एजेंसियों को 40 फीसदी कटौती के निर्देश दिए।
रिवाइज नोट के लिए कमेटियां बनाई
कलक्टर की नाराजगी के बाद अजमेर डिस्कॉम व टाटा पावर ने डिमांड नोट को रिवाईज करने के लिए दो कमेटियां गठित की हैं। पहली कमेटी मेंं स्मार्ट सिटी के दो एक्सईएन, डिस्कॉम एक एक्सईएन तथा एईएन शामिल किए गए हैं। दूसरी कमेटी में स्मार्ट सिटी के दो एक्सईएन, डिस्कॉम के एक एईएन तथा टाटा पावर के दो इंजीनियरों को शामिल किया गया है।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा, तो पीएचईडी ने 5 करोड़ घटाए जयपुर रोड सिक्स लेन के इस प्रोजेक्ट पर कुल 29 करोड़ 29 लाख रुपए खर्च होंगे। इसमें 13 करोड़ 93 लाख रुपए सडक़ निर्माण कार्य तथा 15 करोड़ 26 लाख रुपए यूटीलिटी शिफ्टिंग पर ही खर्च होंगे। पानी की लाइनों शिफ्टिंग के लिए जलदाय विभाग ने 9 कराड़ 95 लाख का डिमांड नोट दिया है। राजस्थान पत्रिका ने 4 अगस्त के अंक में इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। इसके बार जलदाय विभाग ने अपने डिमांड नोट में 5 करोड़ रुपए की कटौती की है।
इनका कहना है
कई काम ऐसे भी शामिल किए गए हैं जिसका सडक़ की चौड़ाई बढ़ाने से संबंध ही नहीं है। एस्टीमेट घटाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रकाश राजपुरोहित
जिला कलक्टर एवं सीईओ स्मार्ट सिटी,अजमेर readmore: