इलेक्ट्रोमैकेनिकल व सिविल का कार्य शेष एसटीपी निर्माण का कार्य 9 मार्च 2015 को शुरू होकर 8 फरवरी 2016 को समाप्त होना था लेकिन तीन साल बाद भी काम अधूरा पड़ा है। काम अधूरा छोडऩे पर एडीए ने ठेकेदार पर जुर्माना लगाया है। एग्रीमेंट के अनुसार अन्य कार्रवाई भी प्रस्तावित है। एडीए के अनुसार एसटीपी निर्माण का सिविल कार्य 80 फीसदी पूरा हो चुका है इलेक्ट्रोमैकेनिकल का कार्य शेष है। वर्तमान में पुष्कर क्षेत्र में सीवेज का पानी पीएचडी द्वारा निर्मित ऑक्सीपांड से शुद्धिकरण के बाद छोड़ा जाता है।
पहले ही हो चुकी है देरी
जेएनएनयूआरएम परियोजना के तहत 3.5 एमएलडी का एसटीपी निर्माण पूर्व में आनासागर के किनारे बनाए गए 13.5 एमएलडी एसटीपी के साथ ही होना था लेकिन राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गई एनओसी में ट्रीटेड आउटलेट पैरामीटर बीओडी की मात्रा 30 एमजी प्रति लीटर से अधिक होने के कारण उस संवेदक से पूर्व कार्यादेश को निरस्त कर पुन: निविदा आमंत्रित की गई।