राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से किशनगढ़ से भीलवाड़ा तक राष्ट्रीय राजमार्ग 79 को सिक्सलेन में तब्दील करने व इस मार्ग पर बनने वाले ओवरब्रिजों के निर्माण कार्य के लिए आईआरबी नाम की फर्म को लगभग बारह सौ करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था। फर्म ने इस निर्माण कार्य को कराने के लिए बड़ौदा की एक फर्म पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर को ठेका सबलेट कर दिया। उपठेकेदार फर्म पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी कार्य को गति देने के लिए लगभग डेढ़ सौ ठेकेदारों को कार्यानुसार उपठेका दे दिया। लेकिन आईआरबी फर्म की ओर से उपठेकेदारों को समय पर भुगतान नहीं किए जाने से राष्ट्रीय राजमार्ग 79 पर काम करने वाले छोटे ठेकेदारों ने हाथ खड़े कर काम बंद कर दिया। बताया जाता है कि कई ठेकेदारों ने तो राष्ट्रीय राजमार्ग 79 पर से अपना सामान भी समेटना शुरू कर दिया।
डेढ़ करोड़ रुपए अटके
मौके से अपना सामान समेट रहे एक सब कॉन्ट्रेक्टर ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उसका निर्माण कार्य में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए अटके हुए हैं। भुगतान नहीं होने से वह अपने श्रमिकों को मजदूरी नहीं दे पा रहा। इससे मजदूर कार्य छोडक़र चले गए हैं।
सिक्सलेन व ओवरब्रिज निर्माण कार्य से क्षेत्रवासी परेशान
नसीराबाद. केंद्र सरकार द्वार राष्ट्रीय राजमार्ग 79 को फोरलेन से सिक्सलेन में तब्दील करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर सडक़ निर्माण के लिए कराए जा रहे कार्य व ओवरब्रिज के निर्माण के चलते क्षेत्रवासियों सहित आस-पास दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पूर्व विधायक महेन्द्रसिंह गुर्जर के पुत्र हरेन्द्रसिंह के नेतृत्व में उपखण्ड अधिकारी को दिए ज्ञापन में क्षेत्रवासियों ने बताया कि वह राष्ट्रीय राजमार्ग 79 पर दुकानें संचालित कर रहे हैं और इस राजमार्ग पर ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार ग्रामीणों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के कर्मचारियों व अधिकारियों की अनदेखी व लापरवाही के चलते सडक़ निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है और जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं।
इतना ही नहीं प्राधिकरण की ओर से सुरक्षा व निर्माण कार्य संबंधी ***** बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं। इससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को कई बार अवगत कराए जाने के बावजूद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता। ज्ञापन में क्षेत्रवासियों ने राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों सहित ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में मोहनलाल, लक्ष्मीनारायण, बहादुर, पप्पू, सौदान, विजय, गोपाल, दीपक, विष्णु, रामकिशन आदि शामिल रहे।