एडीए के अनुसार डीपीआर की उपयोगिता पूर्ववत सवालों के घेरे में है। प्रस्तुत डीपीआर में गंभीर तकनीकी खामियां है। फर्म द्वारा प्रस्तुत सभी तखमीने ओवर एस्टीमेटेड हैं यह तकनीकी एवं वित्तीय दृष्टि से उचित नहीं हैं। स्टेजवाइज वेरिफिकेशन रिपोर्ट किया जाना संभव नहीं है। डीपीआर में इलेक्ट्रिक लाइटिंग वर्क ऑफ दरगाह बाइपास रोड में 5 किमी की दूरी में 500 पोल लिए गए हैं। दूरी व पोलों की संख्या के हिसाब से हर 10 मीटर पर पोल लगाने का कार्य लिया गया है जो उचित नहीं है। लाइट फिक्चर्स 250 वाट के लिए गए हैं जबकि लैम्प 400 वाट के लिए गए हैं। तखमीने में लिए गए आइटम नम्बर 6 व 7 पूर्व में आइटम नम्बर 4 में सम्मिलित हैं जिन्हें अतिरिक्त रूप में लेकर तखमीने की राशि को बढ़ाया गया है।
पीडब्ल्यूडी उत्तराखंड की बीएसआर को काम में लिया
टैंक की डिजाइन कॉपी पेस्ट डीपीआर में प्रोटेक्शन वर्क फॉर हिल कट स्लॉप की लागत 579.01 लाख रुपए दर्शाई गई है जिसकी उपयोगिता नहीं है। तकमीने में कार्य का नाम प्रोटेक्शन वर्क एट हिल साइड स्लॉप ऑफ दरगाह बाइपास रोड दर्शाया गया है लेकिन रिटेनिंग वाल की आवश्यकता लोकेशन के बारे में विवरण नहीं दिया गया पानी के टैंक की डिजाइन कॉपी पेस्ट की गई है। स्टील की लागत 3.68 करोड़ रुपए दशाई गई है जो सही नही है। डीपीआर में झालरा के पास डोरमेट्री की लागत 439.35 लाख ली गई है जिसकी लोकेशन पहाड़ी के पास पथरीली सतह है जिसमें बिना सॉइल बियरिंग कैपसिटी रिपोर्ट के फाउंडेशन में 1 मीटर की मोटाई में मैट फुटिंग ली गई है जिसकी लाइन 1.40 करोड़ रुपए से अधिक दर्शाई गई है जो गलत है।