बंध्या-भूणाबाय गांव का यह हिस्सा एक तरह से अजमेर का मिनी सचिवालय कहा जाता है। लॉकडाउन से पहले इन दफ्तरों में रोजाना हजारों लोग कामकाज के लिए पहुंचते थे। 25 मार्च से इन दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है। आरपीएससी तो संवैधानिक संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष 1949 में हुई थी। 70 साल में यह पहला मौका आया है, जबकि उसका मुख्य द्वार बंद किया गया है।
-आरपीएससी में भर्ती कार्य, परीक्षा फार्म, साक्षात्कार, काउंसलिंग
-आबकारी विभाग में शराब के ठेकों की जांच, राजस्व वसूली
-पंजीयन मुद्रांक विभाग में जमीन-भवनों के पंजीयन, शुल्क वसूली
-सहकारिता विभाग में ऋण, ऑडिट, सहकारी योजनाओं का क्रियान्यवयन
-उद्योग विभाग में ऋण और सरकारी योजनाओं का संचालन
-पुलिस महानिरीक्षक अजमेर रेंज से चारों जिलों के पुलिस अधीक्षक कार्यालय
देश में स्कूल, कॉलेज, केंद्रीय/राज्य स्तरीय यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए विषयवार पाठ्यक्रम निर्माण होते हैं। यह कार्य राष्ट्रीय स्तर पर एनसीईआरटी, यूजीसी करती है। जबकि राज्य स्तर पर एससीईआरटी, केंद्रीय/राज्य स्तरीय यूनिवर्सिटी की बोर्ड ऑफ स्टडीज पाठ्यक्रम बनाते हैं।