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अजमेर

Corona effect: रोजाना रहते हैं हजारों लोगों से आबाद, पसरा है यहां सन्नाटा

देश व्यापी लॉकडाउन के कारण कार्यालयों में कोई रौनक नहीं है।

अजमेरApr 02, 2020 / 08:45 am

raktim tiwari

govt office lock down

govt office lock down

अजमेर.

मैं रक्तिम तिवारी इस वक्त जयपुर-अजमेर रोड पर खड़ा हूं। आम दिनों में हजारों लोगों की आवाजाही और कर्मचारियों-अधिकारियों से आबाद रहने वाले सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है। देश व्यापी लॉकडाउन के कारण कार्यालयों में कोई रौनक नहीं है। जयपुर रोड पर आरपीएससी, सहकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, नगर नियोजन विभाग, जिला उद्योग केंद्र, खनिज विभाग, राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल, राज्य अभिलेखागार, पुलिस महानिरीक्षक अजमेर रेंज और जिला आबकारी अधिकारी का दफ्तर है। इनमें अधिकारी और सैकड़ों कर्मचारी कार्यरत हैं।
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मिनी सचिवालय है अजमेर का
बंध्या-भूणाबाय गांव का यह हिस्सा एक तरह से अजमेर का मिनी सचिवालय कहा जाता है। लॉकडाउन से पहले इन दफ्तरों में रोजाना हजारों लोग कामकाज के लिए पहुंचते थे। 25 मार्च से इन दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है। आरपीएससी तो संवैधानिक संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष 1949 में हुई थी। 70 साल में यह पहला मौका आया है, जबकि उसका मुख्य द्वार बंद किया गया है।
होते हैं इन दफ्तरों में ये कामकाज
-आरपीएससी में भर्ती कार्य, परीक्षा फार्म, साक्षात्कार, काउंसलिंग
-आबकारी विभाग में शराब के ठेकों की जांच, राजस्व वसूली
-पंजीयन मुद्रांक विभाग में जमीन-भवनों के पंजीयन, शुल्क वसूली
-सहकारिता विभाग में ऋण, ऑडिट, सहकारी योजनाओं का क्रियान्यवयन
-उद्योग विभाग में ऋण और सरकारी योजनाओं का संचालन
-पुलिस महानिरीक्षक अजमेर रेंज से चारों जिलों के पुलिस अधीक्षक कार्यालय
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कोरोना वायरस स्टडी बन सकती है पाठ्यक्रम का हिस्सा

रक्तिम तिवारी/अजमेर. लाखों लोगों को संक्रमित करने वाला नोवल कोरोना वायरस देश के विश्वविद्यालयों-बोर्ड और स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल हो सकता है। एड्स स्वाइन फ्लू, मलेरिया, स्मॉल पॉक्स जैसी बीमारियों की तरह इसे केस स्टडी का हिस्सा बनाने पर विद्यार्थी और शोधार्थी भविष्य में वृहद अध्ययन कर सकेंगे।
चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरर से दुनिया में 7 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। 34 लोग जान गंवा चुके हैं। अमरीका, इटली, स्पेन, ईरान और अन्य देशों में हालात बदतर हैं। कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण बचाव का टीका या दवा बनाने और केस स्टडी को लेकर विशेषज्ञ, शिक्षक और शोधार्थी अध्ययन में जुटे हैं। भारत में भी उच्च स्तरीय संस्थानों में कामकाज हो रहा है।
यूं बनते हैं देश में पाठ्यक्रम
देश में स्कूल, कॉलेज, केंद्रीय/राज्य स्तरीय यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए विषयवार पाठ्यक्रम निर्माण होते हैं। यह कार्य राष्ट्रीय स्तर पर एनसीईआरटी, यूजीसी करती है। जबकि राज्य स्तर पर एससीईआरटी, केंद्रीय/राज्य स्तरीय यूनिवर्सिटी की बोर्ड ऑफ स्टडीज पाठ्यक्रम बनाते हैं।

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