कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से कई राज्य जूझ रहे हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, आईसीएमआर आरै अन्य संस्थानों ने तीसरी और चौथी लहर की आशंका भी जताई है। इसको देखते हुए सरकार और तकनीकी शिक्षा विभाग भविष्य की चुनौतियों से निबटने की तैयारियों में जुट गया है। राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज को कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए उच्च तकनीकी समाधान खोजने को कहा गया है। इन प्रोजेक्ट से अस्पतालों से लेकर सार्वजनिक स्थानों पर ऑक्सीजन, वैक्सीन, दवाओं के प्रबंधन और संसाधनों की बेहतर उपयोगिता में मदद मिलेगी।
आईटी विभाग-कोविड 19 वैक्सीन प्रबंधन प्रणाली
(गाइड-दिलीप सिसोदिया, अंकित, पुष्पेंद्र और अनिरुद्ध)
उपयोग-स्मार्ट तकनीक से कोविड वैक्सीन की निगरानी और वितरण में मिलेगी मदद
इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग-कोविड 19 के लिए उच्च सुरक्षा प्रणाली
(गाइड-डॉ.एच.एस.मेवाड़ा, प्रियांक, प्रशांत, सुरेश, शेजु)
उपयोग- संक्रमण से बचाव, सावधानी और सुरक्षा के उपाय
इलेक्ट्रिॉनिक्स विभाग-क्राउड डिटेक्शन कैमरा प्रणाली
(गाइड-हरीश शर्मा, अंजली, अंशुम,आयुषि,आर्ची)
उपयोग-बाजारों, धार्मिक स्थानों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य जगह भीड़को चिन्हित करने में मददऑटो टेम्परेचर और फेस मास्क स्कैन एन्ट्री सिस्टम
(गाइड-डॉ.दीपक झंवर, जतिन, ज्योति, कल्पित, नमन)
उपयोग-निजी सरकारी दफ्तरों, स्थानों पर स्वचलित तरीके से तापमान और फेस मास्क की जांच
इलेक्ट्रॉनिक्स-सार्वजनिक स्थान पर कार पार्र्किंग सिस्टम (गाइड-डॉ.रेखा मेहरा, वेनु, विकास सुरेंद्र और वकार)
उपयोग-मोबाइल और एप पर मिल सकेगी कार पार्र्किंग की जानकारी
यांत्रिकी विभाग-व्हील चेयर परिवर्तनीय स्ट्रेचर डिजाइन
(गाइड-कमल सिंह, अक्षय, पंकज, प्रमोद, प्रवीण)
उपयोग-भविष्य में ऐसी व्हील चेयर बनेंगी, जिन्हें स्ट्रेचर बनाया जा सकेगा।
कोविड 19 संक्रमण की स्थिति से पूरा देश जूझ रहा है। इंजीनियरिंग कॉलेज ने सरकार और सामाजिक जिम्मेदारी के तहत विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट अलॉट किए हैं। पहले इनके फार्मूले और स्टडी तैयार होगी। इसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार यूजेबल सिस्टम बनाया जाएगा।
डॉ. रेखा मेहरा, प्राचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज