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अजमेर

सौ की हदबंदी में रिश्तों में न पड़ जाए खटास

कोरोना गाइड लाइन से सावों की धूम पर असर पडऩे के आसार

अजमेरOct 27, 2020 / 01:30 am

baljeet singh

सौ की हदबंदी में रिश्तों में न पड़ जाए खटास

विवाह के लिए एक दुकान में दूल्हे की पोशाक की खरीदारी करता युवक।

अजमेर. नवम्बर-दिसम्बर में शादियों की धूम तो है लेकिन कोरोना का असर अभी से नजर आ रहा है। कोरोना गाइड के चलते सौ से अधिक लोगों के शामिल होने की छूट पर मेजबान भी ऊहापोह में हैं कि किसे मना करें और किसको बारात में शामिल होने का न्यौता दें। वहीं, विवाह का खर्चा भी कम करना पड़ रहा है। बिंदोरी या महिला संगीत बंद है तो खाने के मैन्यू में भी कटौती हो रही है, वहीं मेहमानाङ्क्ष की सूची भी छोटी की जा रही है। हालांकि अभी भी अक्टूबर के आखिर तक का इन्तजार है कि क्या पता दो सौ जनों को विवाह में शामिल होने की छूट मिल जाए अन्यथा विवाह की खुशी में कही रिश्ते टूटने की कड़वाहट ना घुल जाए।
निमंत्रण के साथ कैसे करें मना!
शादी का निमंत्रण देना तो आसान हो गया है, लेकिन अपने मुंह से कम जनों को आने या बारात में नहीं चलने की बात कैसे कहें, यह चिन्ता सता रही है। कोरोना में कम लोगों को बुलाने के लिए शादी समारोह वाले परिवार कम से कम कुमकुम पत्रिका छपवा रहे हैं जिससे कि अपने खास लोगों को ही निमंत्रण भेज सकें। इतना ही नहीं दूर-दराज रहने वाले रिश्तेदारों के घर कार्ड नहीं भेजने का मानस भी बना रहे हैं। गांव में भी जो खास हैं, उनके घर ही पत्रिका देने की बात सोची जा रही है। विभिन्न स्टॉल लगाने की जगह इक्की-दुक्की स्टॉल लगाने की तैयारी है तो मिठाई व अन्य आइटम भी कम किए जा रहे हैं।
मात्र पांच सावे

नवम्बर-दिसम्बर में मात्र पांच सावे ही हैं। नवम्बर में 25, 30 नवम्बर तथा दिसम्बर में 7,8 ,11 दिसम्बर को सावे हैं। इसके बाद सीधे अप्रेल माह में ही सावे हैं, जिस पर इन पांच सावों में बम्पर विवाह समारोह की उम्मीद है।

गाइड लाइन का असर पड़ेगा

शादी-ब्याह के कर्म-कांड से जुड़े पुरोहितों के अनुसार इस बार नवम्बर-दिसम्बर में कम ही सावे हंै, जिस पर ज्यादा शादियां होने की उम्मीद है। कोरोना के चलते कम लोगो के शामिल होने की गाइड लाइन का असर भी इस पर पड़ेगा। वहीं कैटरिंग और मिठाई विक्रय के कार्य से जुड़े लोग बताते हैं कि पहले जहां शादियों में 600 से लेकर 1000 व्यक्तियों की मिठाई के ऑर्डर मिलते थे लेकिन अब यह ऑर्डर 80 से 100 लोगों के ही मिलने लगे हैं। दीपावली को लेकर पहले अतिरिक्त स्टाफ रखते थे लेकिन अब तो नियमित स्टाफ जितना भी काम नहीं है। शादियों की सीमाबंदी का हमारे काम में काफी उल्टा असर पड़ा है।

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