इस साल कोरोना संक्रमण ने पर्वों-त्यौंहारों और कार्यक्रमों को फीका कर दिया है। विजयदशमी पर्व भी इसमें शामिल है। सार्वजनिक कार्यक्रमों-समारोह और उत्सवों पर रोक के चलते दशहरा उत्सव नहीं मनाया जा रहा है। जिले में ब्यावर, किशनगढ़, केकड़ी, नसीराबाद, पुष्कर और अन्य इलाकों में भी रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण के पुतलों का दहन नहीं किया जा रहा है। अलबत्ता कॉलोनियों में क्षेत्रवासी और बच्चे छोटे पुतलों का दहन जरूर कर रहे हैं।
शारदीय नवरात्र में रविवार को भी सुबह 9.31 तक नवमी तिथि रहने लोगों ने पूजन किया। कन्याओं को भोजन कराया। श्रद्धानुसार उपहार भेंट किए। शहर के चामुंडा मंदिर, मेहन्दीपुर बालाजी, नौसर घाटी स्थित नौसर माता, मेहन्दी खोला माता मंदिर, बजरंगढ़ स्थित अम्बे माता और अन्य मंदिरों में भी नवमी का पूजन किया गया। सुबह 9.31 बजे बाद दशमी तिथि प्रारंभ हुई।
स्काईमेट, मौसम विभाग सहित कई संस्थाओं ने इस साल 92 से 94 प्रतिशत तक बरसात की भविष्यवाणी की थी। लेकिन अजमेर जिले में मानसून जमकर नहीं बरसा। इस बार 1 जून से 30 सितंबर तक अजमेर शहर सहित जिले के किसी हिस्से में ताबड़तोड़ बरसात या बाढ़ जैसे हालात नहीं बने।