मेयो कॉलेज निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एस.एच. कुलकर्णी ने बताया कि भारत सहित विभिन्न देशों में कोरोना संक्रमण की स्थिति सबके सामने है। मेयो के कई छात्र देश-विदेश के विभिन्न शहरों में रहते हैं। लॉकडाउन से पहले छात्रों को घर भेजा गया था। बोर्डिंग स्कूल होने से छात्र धीरे-धीरे वापस लौटना शुरू करेंगे। इन्हें नियमानुसार कैंपस में क्वॉरंटीन में रहना होगा। इनकी निरंतर स्वास्थ्य जांच भी होगी।
ताकि छूने से बचें छात्र
कुलकर्णी ने बताया कि कोरोना महामारी में सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। स्कूल में हाथ धोने के नलों पर बड़े हैंडल लगाए गए हैं। ताकि छात्र इन्हें कोहनी से खोल सकें। मुख्य द्वार और परिसरों में कई जगह सेनेटाइजर रखे गए हैं। छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजर का इस्तेमाल, मास्क पहनने के बारे में जानकारी दी गई है। इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
टीचर्स और स्टूडेंट्स करें ऑनलाइन टीचिंग से दोस्ती अजमेर. कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल परिसर में पारम्परिक शिक्षण व्यवस्था बंद है। फीस का मुद्दा परिस्थितियों से जुड़ा है। नए संसाधनों और कई तकनीकी विकास से खर्च बढ़ सकते हैं। ऐसे में स्कूल को सरकार के निर्देशों की पालना करनी चाहिए। यह बात फिक्की संगठन से जुड़े स्कूल प्राचार्यों की बैठक और पत्रकारों से बातचीत में सामने आई।
पत्रकारों के ऑनलाइन पढ़ाई के एवज में स्कूलों के फीस वसूली और फीस बढ़ोतरी के सवाल पर प्राचार्यों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते ज्यादातर स्कूल को कई समारोह-गतिवधियां टालनी अथवा स्थगित करनी पड़ेंगी। लिहाजा कई मदों में बचत भी संभव है। हालांकि कोविड-19 के चलते हालात विपरीत हैं। नए संसाधनों और कई तकनीकी विकास में खर्च बढऩे की उम्मीद है। ऐसे में स्कूल को सरकार के निर्देशों, वित्तीय स्थिति का आकलन और अभिभावकों से सपर्क रखते हुए कोई फैसला लेना चाहिए।