अजमेर

Corona study: साइंस की बुक्स में कोरोना का है जिक्र, यूं पढ़ाया जाता है इसे…

कई प्रदेशों में विद्यार्थी जुकाम (कॉमन कोल्ड) के रूप में इसे पढ़ रहे हैं।

अजमेरApr 08, 2020 / 09:13 am

raktim tiwari

corona virus study

अजमेर.
कोरोना के कहर से पूरी दुनिया खौफजदा है। इसका टीका और दवा खोजने के लिए वैज्ञानिक और चिकित्सक प्रयासरत हैं। इससे इतर सामान्य विज्ञान की कई पुस्तकों में कोरोना वायरस को प्रारंभिक स्तर पर पढ़ाया जा रहा है। कई प्रदेशों में विद्यार्थी जुकाम (कॉमन कोल्ड) के रूप में इसे पढ़ रहे हैं।
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चीन के वुहान शहर से शुरु हुआ कोरोना वायरस दुनिया के 199 देशों को जकड़ चुका है। 13 लाख इससे संक्रमित है। हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। भारत सहित अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्विटजरलैंड और अन्य देशों में लॉकडाउन है। कई देशों के वैज्ञानिक और चिकित्सक इसका टीका और दवा बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
विज्ञान की किताब में जिक्र
एनसीईआरटी और कई राज्यों की सामाजिक विज्ञान की किताब में कोरोना का साधारण जिक्र है। इसे जुकाम कॉमन कोल्ड के साथ पढ़ाया जा रहा है। पाठ में बताया गया है, कोरोना संक्रमण श्वसन मार्ग से होता है। इसका संक्रमण काल प्राय: 3 से 7 दिन का होता है। श्वसन मार्ग की म्यूकस झिल्ली में सूजन, नासाकोश में कड़ापन, नाक बहना, छींक, गले में खराश रहती है।
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फैलाव कारक और दवा के नाम भी!
विज्ञान की किताबों में बताया कि गया है कोराना संक्रमित व्यक्ति के दरवाजे के हैंडल इत्यादि को छूने पर वायरस वहां चिपक जाते हैं। इन्हें छूने से स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकते है। रोग के उपचार के लिए एस्पिरिन, ऐन्टीहिस्टैमिन, नेजल स्प्रे फायदेमंद रहता है।
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दरअसल कोराना कई वायरस का समूह है। विज्ञान की पुस्तकों में कॉमन कोल्ड के रूप में भले ही पढ़ाया जाता रहा हो लेकिन कोविड-19 सबसे खतरनाक वायरस है। इसका उपचार या दवा ढूंढना ही सबसे बड़ी चुनौती है।
प्रो. अरविंद पारीक, विभागाध्यक्ष बॉटनी मदस विश्वविद्यालय
कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र में डोर टू डोर दूध बांट रही डेयरी

अजमेर. कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन को देखते हुए अजमेर डेयरी ने कई बंदोबस्त किए हैं। अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने बताया शहर में उपभोक्ताओं/आम जनता की सुविधार्थ दुग्ध उत्पाद विक्रय की विषेष व्यवस्था की जा रही है। कफ्र्यूग्रस्त इलाके में दूध की नियमित आपूर्ति जारी है। विषेष टीम भी गठित की गई है। डेयरी प्रबंध संचालक उमेश चन्द्र व्यास ने बताया कि शहर विपणन अधिकारी निरजंन माथुर के नेतृत्व में टीम जिम्मेदारी संभाल रही है।
ई-रिक्शा और गाडिय़ां…
डेयरी ने छह ई-रिक्शा और 4 अन्य वाहन भी लगाए हैं। यहां प्रात: 6.30 से 10.30 और शाम ५ से ७ बजे तक दस हजार लीटर दूध का विक्रय किया जा रहा है।

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