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अजमेर

Crime News: पुलिस के पास भी नहीं ऐसी ऑटोमेटिक गन, एकसाथ निकलती हैं 40 गोलियां

चेतक गश्ती दल की सजगता से पुलिस ने हत्या की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया।

अजमेरMay 12, 2018 / 04:24 pm

raktim tiwari

automatic gun found from gangster

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क्लॉक टावर थाना पुलिस की गिरफ्त में आया शार्प शूटर व इनामी बदमाश जगत यादव प्रोपर्टी व्यवसायी व कांग्रेस नेता विक्रम शर्मा व हिस्ट्रीशीटर संजय मीणा की हत्या की फिराक में था। चेतक गश्ती दल की सजगता से पुलिस ने हत्या की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया।
फरार आरोपित वरुण चौधरी के कहने पर हिस्ट्रीशीटर व पुलिस के बर्खास्त सिपाही धर्मेन्द्र चौधरी की हत्या का बदला लेने आया था। जगत ने अलवर गेट थाना क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर रामकेश मीणा की गोली मारकर हत्या की थी।
पुलिस के चेतक गश्ती दल में शामिल सिपाही उगमाराम ने क्लॉक टावर थानाप्रभारी को रेलवे स्टेशन गेट नम्बर 2 के सामने संदिग्ध हालत में खड़े जगत यादव की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घेराबंदी कर उसे दबोच लिया।
उसने अपनी पहचान उत्तर प्रदेश इटावा नटवासा मोहल्ला निवासी जगत सिंह उर्फ सप्पू यादव (36) पुत्र प्रतापसिंह यादव दी। पुलिस ने जगत के बैग से एक कार्बाइन 9 एमएम (लोकल), दो कार्बाइन मैगजीन और 41 जिंदा कारतूस, एक 32 बोर पिस्टल (लोकल) व 5 जिंदा कारतूस, एक .315 बोर का देशी कट्टा बरामद किया।
शर्मा व मीणा थे टारगेट

जगत ने पुलिस को बताया कि उसे वरुण चौधरी ने चाचा धर्मेन्द्र चौधरी की हत्या का बदला लेने के लिए प्रोपर्टी डीलर व कांग्रेस नेता विक्रम शर्मा व हिस्ट्रीशीटर संजय मीणा की हत्या के लिए भेजा है। पुलिस ने उसके खिलाफ आम्र्स एक्ट में मामला दर्ज किया है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को विक्रम शर्मा और संजय मीणा की अदालत में पेशी थी। जगत ने बताया कि वरुण ने दोनों को हर हाल में मौत के घाट उतारने की बात कही थी। वह इसी इरादे से गुरुवार रात अजमेर आ गया था। पुलिस ने कड़े सुरक्षा घेरे में संजय मीणा और विक्रम शर्मा को कोर्ट में पेश किया।
रामकेश पर चलाई थी 6 गोली
प्रारम्भिक पड़ताल में जगत ने बताया कि उसने वरुण चौधरी व उसके साथियों ने मिलकर 31 जनवरी 2017 को श्रीनगर रोड पर रामकेश मीणा की हत्या की थी। उन्होंने रामकेश को 6 गोली मारी थी। वारदात के बाद वरुण व उसके साथियों के साथ वह फरार हो गया।
जिसमें सुरेश, रामस्वरूप उर्फ गजनी, जीतराम, गोपाल प्रजापत, राजेश कुमार, रामस्वरूप चौधरी, हेमन्त कुमार, मनीष जोशी, बबलू सिंह डोडवाडिय़ा पूर्व में गिरफ्तार हो चुके हैं। गिरोह का सरगना व मास्टर माइंड वरुण चौधरी अभी भी फरार है।

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