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महान समाज सुधारक को भूला स्मार्ट सिटी, मंत्रीजी भी भुला बैठे अजमेर को

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अजमेरOct 10, 2018 / 04:33 pm

raktim tiwari

vedic park and dayanand chair

vedic park and dayanand chair

रक्तिम तिवारी/अजमेर।

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को वैदिक पार्क और दयानंद चेयर का इंतजार है। विश्वविद्यालय स्मार्ट सिटी योजना में प्रस्ताव भिजवा चुका है। फिलहाल इनकी मंजूरी नहीं मिली है। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता को देखते हुए इसमें विलम्ब के आसार हैं।
विश्वविद्यालय में ऋषि दयानंद चेयर सहित वैदिक पार्क बनाया जाना है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास, जल संसाधन और गंगा पुनुरुद्धार मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने बीते वर्ष ऋषि मेले के दौरान इसकी घोषणा की थी। जनवरी 2018 में पर्यावरण विभागाध्यक्ष प्रो. प्रवीण माथुर ने यूजीसी को महर्षि दयानंद सरस्वती चेयर और वैदिक पार्क की योजना से अवगत कराया। लेकिन यूजीसी ने पार्क और चेयर को स्वीकृति नहीं दी।
भेजा स्मार्ट सिटी योजना में प्रस्ताव

यूजीसी और उच्च स्तरीय देरी के चलते विश्वविद्यालय ने स्मार्ट योजना की तरफ कदम बढ़ाया। जून में तत्कालीन कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली से चर्चा कर वैदिक पार्क और ऋषि दयानंद सरस्वती चेयर का प्रस्ताव भेजा गया। तीन महीने बीतने के बाद भी दोनों प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिली है। अब प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लग चुकी है।
यूजीसी ने बताए थे यह कारण

यूजीसी ने वैदिक पार्क-दयानंद चेयर के लिए प्रो. इंदर मोहन कापहे की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। समिति ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक, सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी राजकोट और जम्मू-कश्मीर की सेंटल यूनिवर्सिटी को दयानंद चेयर स्वीकृत कर दी। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति, कुलसचिव सहित शिक्षकों की कमी बताते हुए यूजीसी ने वैदिक पार्क और दयानंद चेयर को स्वीकृति नहीं दी। तबसे मामला अटका हुआ है।

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