नए ठेके की प्रकिया भी विवादित
आरोप है कि नए ठेके के लिए निविदा विज्ञप्ति, शर्ते आदि पोर्टल पर अपलोड करने के बाद 20 जून को सफल निविदाकार यह अम्यूजमेंट के पत्र पर शर्तो में बदलाव किया गया। 22 जून को कोरिजेंडम जारी कर दिया गया। 2 अतिरिक्त नाव टापू तक चलाने की शर्त को हटा दिया गया लेकिन बाद में इन 2 नावों के संचालन की शर्त को फिर जोड़ दिया गया। इसके पीछे कारण स्पष्ट नहीं है। अजमेर में नहीं होने के बावजूद उप महापौर ने नाव का ठेका देने के लिए अवधि को सात दिन के लिए बढ़वाया। इस पर सांखला के हस्ताक्षर भी नही हैं। आयुक्त ने इस पत्र को स्वीकार कर सात दिन के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया गया। झील में नाव संचालन के लिए अब तक ठेका नहीं दिया जा सका। निगम को लाखों के राजस्व की हानि हो रही है वहीं पर्यटक झील में नौकायन की सुविधा से वंचित हो रहे हैं।
आरोप है कि नए ठेके के लिए निविदा विज्ञप्ति, शर्ते आदि पोर्टल पर अपलोड करने के बाद 20 जून को सफल निविदाकार यह अम्यूजमेंट के पत्र पर शर्तो में बदलाव किया गया। 22 जून को कोरिजेंडम जारी कर दिया गया। 2 अतिरिक्त नाव टापू तक चलाने की शर्त को हटा दिया गया लेकिन बाद में इन 2 नावों के संचालन की शर्त को फिर जोड़ दिया गया। इसके पीछे कारण स्पष्ट नहीं है। अजमेर में नहीं होने के बावजूद उप महापौर ने नाव का ठेका देने के लिए अवधि को सात दिन के लिए बढ़वाया। इस पर सांखला के हस्ताक्षर भी नही हैं। आयुक्त ने इस पत्र को स्वीकार कर सात दिन के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया गया। झील में नाव संचालन के लिए अब तक ठेका नहीं दिया जा सका। निगम को लाखों के राजस्व की हानि हो रही है वहीं पर्यटक झील में नौकायन की सुविधा से वंचित हो रहे हैं।
इनका कहना है
ठेका नियमानुसार प्रक्रिया अपनाते हुए दिया गया है। नगर निगम को किसी तरह का नुकसान नही हुआ है। वर्तमान ठेका तीन गुना अधिक दर पर दिया गया है इससे निगम को फायदा हुआ है। बेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं ।-चिन्मयी गोपाल, आयुक्त नगर निगम अजमेर
ठेका नियमानुसार प्रक्रिया अपनाते हुए दिया गया है। नगर निगम को किसी तरह का नुकसान नही हुआ है। वर्तमान ठेका तीन गुना अधिक दर पर दिया गया है इससे निगम को फायदा हुआ है। बेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं ।-चिन्मयी गोपाल, आयुक्त नगर निगम अजमेर