देवनानी ने कहा कि शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा (Govind singh Dotasara) ने भाजपा पर प्रदेश में पुस्तकालयों के नाम महात्मा गांधी से बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम करने की बात कही है। यह बिल्कुल झूठा व निराधार है। तत्कालीन भाजपा सरकार ने प्रदेश में भाषा विभाग द्वारा संचालित राजकीय पुस्तकालयों का नामकरण पंडित दीनदयाल उपाध्याय किया था। इन पुस्तकालयों पर कभी महात्मा गांधी का नाम नहीं था।
कांग्रेस की मानसिकता…
हाल में कांग्रेस सरकार ने प्रतिभा खोज परीक्षा से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाया था। अब भाषा विभाग के 35 राजकीय सार्वजनिक पुस्तकालयों के नाम से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाना कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। पंडिज दीनदयाल का एकात्म मानववाद, अंत्योदय विचार आज भी प्रासंगिक है। कांग्रेस एक परिवार के अलावा किसी ओर महापुरूष को महान नहीं मानती है। शिक्षा मंत्री डोटासरा (Govind singh Dotasara) पपूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बिना किसी जानकारी के मामले उठा रहे हैं। पुस्तकालय शिक्षा विभाग के ना होकर भाषा विभाग के हैं। भाषा विभाग डोटासरा के पास नहीं है।
हाल में कांग्रेस सरकार ने प्रतिभा खोज परीक्षा से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाया था। अब भाषा विभाग के 35 राजकीय सार्वजनिक पुस्तकालयों के नाम से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाना कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। पंडिज दीनदयाल का एकात्म मानववाद, अंत्योदय विचार आज भी प्रासंगिक है। कांग्रेस एक परिवार के अलावा किसी ओर महापुरूष को महान नहीं मानती है। शिक्षा मंत्री डोटासरा (Govind singh Dotasara) पपूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बिना किसी जानकारी के मामले उठा रहे हैं। पुस्तकालय शिक्षा विभाग के ना होकर भाषा विभाग के हैं। भाषा विभाग डोटासरा के पास नहीं है।