जिला प्रशासन की ओर से स्नान दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। नगर पालिका की ओर से सरोवर के घाटों पर रोशनी के साथ-साथ गहरे जल का संकेत देते हुए लाल झंडियां लगाई गई हैं। घाटों पर गोताखोर तैनात किए गए हैं। जिला प्रशासन स्तर पर घाटों के लिए अलग से कार्यपालक मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं। मंगलवार को ब्रह्म मुर्हूत में सरोवर में पहला पंचतीर्थ महास्नान हुआ। घाटों पर महिलाओं, पुरुषों ने वैदिक मंत्रोच्चार से पूजा अर्चना की। बाद में प्रजापिता ब्रह्मा, भगवान रंगनाथ और अन्य मंदिरों में दर्शन किए। कई श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य भी किया।
आध्यात्मिक पदयात्रा में जयकारे
पुष्कर मेले में मंगलवार सुबह गुरुद्वारे से आध्यात्मिक पद यात्रा निकाल गई। विभिन्न धर्मों के अनुयायी ने अपने ईष्ट की झांकियां सजाई संत-महंतों की अनुयायियों की अगुवाई में यह पदयात्रा गुरूद्वारे से शुरू होकर परिक्रमा मार्ग, हाईब्रिज होते हुए बावन भैरव मंदिर के सामने से ब्रह्म घाट, ब्रह्मा मंदिर होते हुए मेला मैदान तक पहुंची। पदयात्रा का बैंडबाजों के साथ पुष्पवर्षा की जाएगी। मेला मैदान में संत-महंतों का शॉल व माला पहनाकर स्वागत किया गया
ब्रह्मा मंदिर में खुले रहेंगे 16 घंटे तक कपाट धार्मिक मेला शुरू होने के साथ ही मंगलवार से ब्रह्मा मंंदिर के कपाट खोल दिए गए। कपाट लगातार 16 घंटे तक खुले रहेंगे। श्रद्धालु ब्रह्म
मुहूर्त से लगातार ब्रह्मदेव के दर्शन कर सकेंगे, वहीं मंदिर में प्रवेश व निकासी की एकतरफा व्यवस्था रहेगी। श्रद्धालुओं का प्रवेश मुख्य द्वार से होगा तथा निकासी पिछले द्वार से होगी। कार्तिक मेला शुरू होने के साथ ही ब्रह्मा मंदिर में श्रद्घालुओं की आवक बढ़ गई है।
हालत यह है कि मुख्यद्वार से प्रवेश लेने पर कतारें लगने लगी हैं। श्रद्धालुओं की आवक बढऩे के साथ ही मंगलवार से मंदिर की व्यवस्थाओं में पूर्णिमा तिथि तक बदलाव किया गया है। मंगलवार से सुबह 5 बजे कपाट खोले गए। यह रात्रि 9.30 बजे तक खुले रहेंगे। पहले दोपहर मे डेढ़ से तीन बजे तक कपाट बंद होते थे, लेकिन अब पूरे दिन कपाट खुले रहेंगे।
पुष्कर मेले में श्रद्धालुओं की आवक बढऩ़े के साथ ही मंगलवार से ब्रह्मा मंदिर के कपाट खोले गए हैं। दोपहर को डेढ़ से तीन बजे तक रोजाना कपाट बंद होते थे, लेकिन मेले में इस अवधि में भी खुले रहेंगे।
– कृष्ण गोपाल वशिष्ठ, पुजारी, ब्रह्मा मंदिर पुष्कर