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अजमेर

अवैध हथियारों के मंडी बना धौलपुर

-सात दिन में 36 गिरफ्तार, 52 अवैध हथियार, 57 कारतूस जब्त, दो फैक्ट्रियां भी पकड़ी, पुलिस कार्रवाई के बाद अवैध हथियार धारकों में हडकंप का माहौल अपराधिक घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रहने वाले धौलपुर जिला पिछले कुछ दिनों में अवैध हथियारों की मंडी के रूप में सामने आया है। मुख्यालय के आदेश में जिले में अवैध हथियारों को लेकर शुरू हुए अभियान के दौरान बीते सात दिन में पुलिस ने अवैध हथियार बनाने की दो फैक्ट्रियां पकड़ी। विभिन्न थाना क्षेत्रों में अवैध हथियार लेकर घूमते हुए ३६ जनों को गिरफ्तार किया है

अजमेरSep 21, 2020 / 11:54 pm

Dilip

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Arms license

धौलपुर. अपराधिक घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रहने वाले धौलपुर जिला पिछले कुछ दिनों में अवैध हथियारों की मंडी के रूप में सामने आया है। मुख्यालय के आदेश में जिले में अवैध हथियारों को लेकर शुरू हुए अभियान के दौरान बीते सात दिन में पुलिस ने अवैध हथियार बनाने की दो फैक्ट्रियां पकड़ी। विभिन्न थाना क्षेत्रों में अवैध हथियार लेकर घूमते हुए ३६ जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से ५२ अवैध हथियार, ५७ कारतूस जब्त किए है। पुलिस के औचक कार्रवाई के बाद जिले में अवैध हथियार रखने वालों में हडकंप का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने अवैध हथियार के मामले में तह तक पहुंचने की रूपरेखा तैयार कर ली है।
जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने बताया कि अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ धर पकड़ अभियान के तहत मनियां थाना पुलिस ने क्षेत्र के गांव विरजापुरा व ढोडी का पुरा में संचालित अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री को पकडी। यहां से भारी मात्रा में देसी कट्टे व अद्र्ध निर्मित कट्टे व अवैध हथियार बनाने का सामान बरामद किया है। एसपी शेखावत ने बताया कि पूछताछ के बाद जिले के मुख्य हथियार तस्करों को चिन्हित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
एक हजार का कट्टा ३ हजार में बिकता है
पुलिस की ओर से मनियां क्षेत्र में अवैध हथियार बनाने की दो फैक्ट्रियां पकड़ी है। पूछताछ में पता चला है कि अवैध देसी कट्टा बनाने के लिए सामान आगरा के बाजार से लेकर आते है। अवैध देसी कट्टा बनाने के लिए लोहे की नाल, ड्रिल मशीन, स्प्रिंग छोटी वाली, पीतल की छड़ें, रेंती, लोहा गर्म करने की मशीन, हथौड़ी, प्लास, पेचकस, बोल्ट, गाटर का टुकड़ा, लकड़ी के बट आदि की आवश्यकता होती है। एक देसी कट्टा बनाने में करीब एक हजार का खर्चा आता है। एक देसी कट्टा बनने के बाद बाजार में ३-४ हजार रूपए में बेचा जाता है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद आगरा जिले के उन दुकानदारों को चिन्हित करने प्रयास शुरू कर दिए है। इसके अलावा पुलिस ने गिरफ्त में आए आरोपियों से पूछताछ कर अन्य हथियार तस्करों को चिन्हित करने के प्रयास शुरू कर दिए है।
देशी कट्टा रखने का प्रचलन
चंबल क्षेत्र के धौलपुर में अवैध हथियारों का प्रचलन है। प्रदेश के छोटे जिले में शुमार धौलपुर में ही करीब साढ़े तीन हजार से अधिक शस्त्र लाइसेंसी हैं। युवा वर्ग अवैध हथियार रखने का शौकीन हो रहा है। बजरी माफिया के पुलिस पर फायरिंग की घटनाओं में अवैध देसी कट्टों से फायरिंग के कई मामले हो चुके हैं। प्रतिबंधित बजरी का परिवहन में देसी कट्टों का इस्तेमाल कर रहे है।
सूत्रों का कहना है कि धौलपुर जिले में अवैध हथियारों में सबसे अधिक कट्टा प्रचलित है। इनकी खेप समीपवर्ती स्थानीय स्तर के अलावा पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश क्षेत्र के जिलों से आ रही है। इसके अलावा उप्र से जुड़े बॉर्डर के दूसरे गांवों से भी आदान-प्रदान होता रहता है। आंकडों पर नजर डाले तो जिलेभर में अधिकांश अपराधिक वारदातों में देशी कट्टे का ही प्रयोग किया गया है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आपसी झगड़े के दौरान कई बार अवैध हथियारों से फायरिंग की वारदातें भी होने की बात सामने आ चुकी है।

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