यह है मामला केरल पुलिस ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग या हवाला रैकेट में शामिल एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। कन्नूर पुलिस के अनुसार मुहम्मद रियास, सी. शफीक, मुनव्वर अली और मुहम्मद शफीक को निवेशकों के करोड़ों रुपए गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वहीं, इस गिरोह का सरगना निशाद फरार है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने फर्जी कंपनी के नाम से चल रही एक वेबसाइट के जरिए निवेशकों के करीब 100 करोड़ रुपए ले लिए। निवेशकों से वादा किया गया कि उन्हें रोजाना दो से पांच फीसदी की दर से लाभांश दिया जाएगा। पुलिस ने बताया कि करीब 40 करोड़ रुपए एक आरोपी के खाते से 32 करोड़ रुपए दूसरे आरोपी के खाते से लेनदेन हुआ है। जबकि शेष रकम निशाद के खाते में डाल दी।
जगह-जगह बनाए एजेंट गिरोह ने जगह-जगह मोटी मछलियों को फंसाने के लिए एजेंट बनाए थे। इन्हें निवेश होने वाली रकम का 20 फीसदी तक देने का लालच दिया गया। धौलपुर में भी खेल जगत से जुड़े एक व्यक्ति और उसके सहयोगी एक अन्य व्यक्ति ने लोगों को मोटे रिटर्न और कालेधन को वैध बनाने का झांसा दिया। इस झांसे में आए जिले के कुछ राजनेताओं, उद्योगपतियों व व्यापारियों ने करोड़ों रुपए लगा दिए। अब गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद दबी जुबान में इसकी चर्चा बाहर आ रही है।
न उगलते, न निगलते बन रहा मोटे रिटर्न और कालेधन के वैध होने के चक्कर में करोड़ों रुपए गंवा चुके लोगों के सामने सांप-छछूंदर वाली स्थिति पैदा हो गई है। लोग न तो पैसों को भूल पा रहे हैं और न ही किसी से शिकायत करने की स्थिति में हैं। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला होने से कोई भी मुंह नहीं खोल रहा है। वहीं, धौलपुर में लोगों को इस जाल में फंसाने वाला मुख्य आरोपी जिले से बाहर बताया जा रहा है।
मनी चेन मॉडल पर की ठगी कन्नूर पुलिस के अनुसार ठग गिरोह ने बेंगलूरु की लॉन्ग रीच टेक्नोलॉजीस के नाम पर पॉन्जी स्कीम शुरू की। लोगों को रोज दो से पांच फीसदी लाभांश देने का वादा किया गया। जब गिरोह लोगों को लाभांश नहीं दे सका तो मॉरिस कॉइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी देने की बात कही गई। जबकि मॉरिस कॉइन एक्सचेंज में लिस्टेड ही नहीं है। इसका मतलब निवेश के लॉकअप समय के बाद इसे रुपए में नहीं बदला जा सकता। मॉरिस कॉइन की संचालक कंपनी का कोई ऑफिस भी नहीं है। इसके संस्थापकों और डेवलपर्स के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।
इनका कहना है मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सरगना फरार है। ठगी के करीब 35 करोड़ रुपए फ्रीज किए गए हैं। ठगी के शिकार लोगों को सामने आने के लिए कहा जा रहा है।
– पी.पी. सदानन्दन, एसीपी, कन्नूर, केरल धौलपुर पुलिस के संज्ञान में यह मामला नहीं है। – केसर सिंह, पुलिस अधीक्षक, धौलपुर