scriptएक दशक से बच्चों में भी बढ़ा डायबिटीज का रोग | Diabetes has increased in children since a decade | Patrika News
अजमेर

एक दशक से बच्चों में भी बढ़ा डायबिटीज का रोग

डायबिटीज से नई पीढ़ी को बचाने के लिए अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों में क्या है इलाज, प्रदेशभर में डायबिटीज की स्थिति, कारण, प्रभाव पर एक रिपोर्ट, एक सप्ताह में 10 घंटे से अधिक टीवी नहीं देखें, प्रतिदिन 2 से 4 किमी पैदल चलें

अजमेरNov 13, 2019 / 10:53 pm

CP

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. बदलती जीवनशैली एवं खानपान के चलते पिछले एक दशक से शूगर (डायबिटीज) ने बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। डायबिटीज टाइप वन के बाद डायबिटीज टाइप 2 ने बच्चों को घेर लिया है। एक अनुमान के अनुसार अजमेर जिले में प्रतिवर्ष 3 से 4 हजार बच्चे/युवा नए रोगी चिह्नित किए गए हैं। प्रदेश में यह आंकड़ा 70 हजार से भी पार है।
डायबिटीज रोग का इलाज एलौपैथिक चिकित्सा पद्धति के साथ आयुर्वेद, हौम्यौपैथिक चिकित्सा पद्धति में भी उपलब्ध है मगर एलौपैथिक चिकित्सा पद्धति पर सर्वाधिक मरीज निर्भर हैं। बच्चों/युवाओं में डायबिटीज रोग एवं खतरे को रोकना किसी मिशन से कम नहीं है। डायबिटीज नियंत्रण के लिए अपनी जीवन शैली में बदलाव आवश्यक है। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से बचना आवश्यक है। डायबिटीज टाइप वन के बाद टाइफ-2 में भी बच्चे/युवाओं के चिह्नित होने के संकेत अच्छे नहीं है।
ये हैं डायबिटीज के कारण

-बच्चों/युवाओं की ओर से शारीरिक श्रम कम करना।
-टीवी के सामने बैठकर भोजन करना।
-मोबाइल-व्हाट्सअप पर व्यस्त रहना।
-फास्ट फूड-पीजा, बर्गर, चाऊमीन का अधिक सेवन करना।
-मोटापा बढऩा, आनुवंशिक।

सप्ताह में 10 घंटे से अधिक टीवी नहीं देखें, पैदल चलें
वरिष्ठ डॉ डायबिटिशियन डॉ. अनिल सामरिया के अनुसार एक सप्ताह में 10 घंटे से अधिक टीवी नहीं देखें। प्रतिदिन 2 से 4 किमी तक पैदल चलें, व्यायाम करें। बच्चों को फास्टफूड कम से कम खिलाएं। टाइप-2 आनुवांशिक कारणों से बच्चे व युवा डायबिटीज की गिरफ्त में आ रहे हैं। वहीं मोटापा फास्ट फूड भी जिम्मेदार है।
चिकित्सा पद्धतियो में इलाज

एलौपैथिक: डॉ. सामरिया के अनुसार इंसुलिन इंजेक्शन एवं ओरल अंसुलिन (विभिन्न..शूगर के लेवल स्तर अनुसार) से इलाज व नियंत्रण संभव है।
आयुर्वेद: आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक उमांशंकर पचौरी के अनुसार कुटकी-चिरायता का चूर्ण बनाकर सुबह-शाम एक-एक चम्मच ठंडे पानी के साथ सेवन।
हौम्यौपेथिक: वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस.एस. तड़ागी के अनुसार साइबिजीयम,मदरटिंचर, यूरेनियम, नाइटिकम 3 एक्स (सहित अन्य शूगर स्तर अनुसार)। से डायबिटीज पर नियंत्रण संभव है।

Home / Ajmer / एक दशक से बच्चों में भी बढ़ा डायबिटीज का रोग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो