ये हैं डायबिटीज के कारण -बच्चों/युवाओं की ओर से शारीरिक श्रम कम करना।
-टीवी के सामने बैठकर भोजन करना।
-मोबाइल-व्हाट्सअप पर व्यस्त रहना।
-फास्ट फूड-पीजा, बर्गर, चाऊमीन का अधिक सेवन करना।
-मोटापा बढऩा, आनुवंशिक। सप्ताह में 10 घंटे से अधिक टीवी नहीं देखें, पैदल चलें
वरिष्ठ डॉ डायबिटिशियन डॉ. अनिल सामरिया के अनुसार एक सप्ताह में 10 घंटे से अधिक टीवी नहीं देखें। प्रतिदिन 2 से 4 किमी तक पैदल चलें, व्यायाम करें। बच्चों को फास्टफूड कम से कम खिलाएं। टाइप-2 आनुवांशिक कारणों से बच्चे व युवा डायबिटीज की गिरफ्त में आ रहे हैं। वहीं मोटापा फास्ट फूड भी जिम्मेदार है।
चिकित्सा पद्धतियो में इलाज एलौपैथिक: डॉ. सामरिया के अनुसार इंसुलिन इंजेक्शन एवं ओरल अंसुलिन (विभिन्न..शूगर के लेवल स्तर अनुसार) से इलाज व नियंत्रण संभव है।
आयुर्वेद: आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक उमांशंकर पचौरी के अनुसार कुटकी-चिरायता का चूर्ण बनाकर सुबह-शाम एक-एक चम्मच ठंडे पानी के साथ सेवन।
हौम्यौपेथिक: वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस.एस. तड़ागी के अनुसार साइबिजीयम,मदरटिंचर, यूरेनियम, नाइटिकम 3 एक्स (सहित अन्य शूगर स्तर अनुसार)। से डायबिटीज पर नियंत्रण संभव है।