डॉ.मलिक ने मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ.अनिल जैन,अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एस.जोधा,कॉविड प्रभारी डॉ.संजीव माहेश्वरी डॉ.भास्कर तथा माइक्रोबायोलॉजी प्रमुख डॉ.विजय लता के साथ कोरोना मरीजों के उपचार के संबंध में चर्चा की। कोरोना संदिग्ध मरीजों तथा अलाक्षणिक मरीजों के अधिकतम सैम्पल लेने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही यह भी कहा कि लिए गए सैम्पलों की रिपोर्ट जल्द प्राप्त हो जाए इस कार्य में तेजी लाने के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग को तीन डाटा एन्ट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बाद उन्होंने यूरोलॉजी वार्ड में भर्ती कोरोना संदिग्ध मरीजों से मिलकर उनकी हालचाल एवं चिकित्सा व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली।
डॉ.मलिक ने अजमेर शहर के हॉटस्पॉट क्षेत्रों का दौरा किया। डिग्गी बाजार में राजकीय शहरी डिस्पेंसरी का अवलोकन भी किया तथा यहां कोरोना सैम्पलिंग के रिकॉर्ड के संधारण के संबंध में निर्देश प्रदान किए। स्थानीय व्यक्तियों को कोरोना के प्रति सावधानी अपनाने के बारे में समझाइश की।
उन्होंने पहाडग़ंज क्षेत्र में भी कोरोना पॉजीटिव व्यक्तियों के घरों तक जाकर अवलोकन किया। विभिन्न स्थानों पर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति होने की स्थिति में गली की बैरिकेटिंग करने के लिए कहा। कोरोना प्रभावित व्यक्ति के घर से 200 मीटर की दूरी तक चूना अथवा अन्य माध्यम से लाईनिंग करने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर एडीसी सत्तार खान,सीएमएचओ डॉ.के.के.सोनी सहित अधिकारी उपस्थित थे।
किरण,प्रीति एवं विशाल को पहना मास्क डॉ.आरूषि मलिक को निरीक्षण के दौरान विभिन्न स्थानों पर बच्चे बिना मास्क के नजर आए इन बच्चों के संभावित संक्रमण से बचाने के लिए उन्होंने संवेदनशीलता दिखाई। पहाडग़ंज में किरण टैक्सी में बैठी बिना मास्क के खेल रही थी। डॉ.मलिक ने उसे मास्क पहनाया। इसी प्रकार केसरगंज में प्रीति एवं विशाल को भी बिना मास्क के देखकर अपनी गाड़ी रोकी। इन बच्चों को अपने हाथों से मास्क पहनाकर हमेशा मास्क पहनने के प्रति जागरूक किया।