मिशन निदेशक
एनएचएम एवं अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी नवीन जैन के निर्देशन में राज्य पीसीपीएनडीटी दल ने के.एस. अस्पताल के रजिस्टर्ड सोनोग्राफी सेन्टर में 89 वीं सफल डिकॉय ऑपरेशन किया। उन्होंने बताया कि गत दिनों से मुखबिर की ओर से अजमेर स्थित के.एस. अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी कर भू्रण लिंग जांच करने की सूचना प्राप्त हो रही थी। उन्होंने बताया कि सूचना की पुष्टि के बाद डिकॉय दल तैयार कर कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की गई।
निर्धारित कार्ययोजना के तहत डिकॉय गर्भवती महिला को बोगस ग्राहक बनाकर एक अन्य सह
योगी महिला के साथ सुबह ११.३० बजे के.एस. अस्पताल भिजवाया गया। वहां मौजूद मेलनर्स राम चौधरी ने डिकॉय राशि 10 हजार रुपए प्राप्त कर डिकॉय महिला व सहयोगी को दोपहर 12.30 बजे सोनोग्राफी जांच करने के लिए कहा। चिकित्सक भावन यादव के आने के बाद डिकॉय महिला से मेलनर्स राम चौधरी ने अतिरिक्त 5 हजार रुपए और लेने के बाद डॉ. यादव ने डिकॉय गर्भवती महिला की सोनोग्राफी कर भू्रण लिंग की जानकारी दी।
पहले भी सामने आ चुके मामले अजमेर में पहले भी अवैध भ्रूण परीक्षा के कई मामले सामने आ चुके हैं। सिविल लाइंस, पुलिस लाइंस, फायसागर रोड और अन्य इलाकों में संचालित क्लिनिक और सोनोग्राफी सेंटर्स पर डॉक्टर और उनके सहयोगी भ्रूण परीक्षण करते पकड़े गए हैं। पिछले दिनों एक गांव की किशोरी के गर्भपात कराने का प्रयास भी हुआ। किसी अस्पताल में भर्ती नहीं करने पर एक प्राइवेट चिकित्सक ने यह करतूत अंजाम दी। पीसीपीएनडीटी एक्ट की चोरी-छिपे धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ना डॉक्टर ना अस्पतालों में कार्यरत स्टाफ को एक्ट की परवाह है। लोग भी बेटों की चाहत में कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध में भागीदार बन रहे हैं।