पार्टी की मुश्किल यह है कि ऐसे आवेदन जो उसके पास सीधे प्रदेश मुख्यालय आते हें तो वह नाम स्वीकार्य होंगे या नहीं जबकि ऐसा होता है तो शैलजा के यह निर्देश कोरे कागजी साबित होंगे। पता चला है कि यह नाम 12 अक्टूबर तक पीसीसी को देने हैं यहां से नाम एआईसीसी अंतिम निर्णय के लिए सौंपे जाएंगे।
जानकारों की माने तो जयपुर में गत दिनों हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में कुमारी शैलजा के सामने जब दावेदारों को लेकर चर्चा हुई मौजूद लोग भी दावेदारी करने लगे। बताया जाता है इस बात से शैलजा भी तल्ख हुई। उन्होंने साफ निर्देेश दिए कि पीसीसी के पास अब जो भी नाम आएंगे वह जिला स्तर की कमेटियों के जरिए आएंगे आवेदक को अपना नाम डीसीसी के जरिए भेजना होगा। इसमें निर्धारित प्रपत्र भी भरना होगा।