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अजमेर

‘कारगुजारियों पर पर्दा’ डाल,पावर हाउस चालू करने में जुटे अभियंता

जांच के बावजूद नहीं किया सुधार
पावर ट्रांसफार्मर में ना तेल,ना अर्थिंग
टावर खड़े करने,लाइन डालने में भी गडबड़ी
कई गावों के हजारों उपभोक्ताओं प्रभावित
नव निर्मित भूडोल जीएसएस का मामला

अजमेरJul 29, 2020 / 08:04 pm

bhupendra singh

power house

power house

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर.
engaged in commissioning power house, putting ‘curtain on workers’
अजमेर वितरण निगम ajmer discom की दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) ddugjy के तहत ग्राम लाडपुरा, भूडोल,गवारड़ी, नारेली, मुहामी, गुड़ा सहित आसपास की ढाणियों के हजारो लोगों को बेहतर बिजली सप्लाई देने व छीजत में कमी लाने के लिए करोड़ो रुपए खर्च कर बनाया जा रहा भूडोल पावर हाउस power house (33/11 केवी जीएसएस) भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। करीब साढ़े तीन साल जीएसएस का निर्माण पूरा हुआ तो अब गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। जीएसएस पर स्थापित पावर ट्रांसफार्मर में ऑयल ही नहीं है और न ही उसे अर्थ किया गया। जीएसएस के लिए नारेली हाइवे के पास लापरवाही से खड़े किए गए टावर व हाईटेंशन लाइन से कभी भी हादसा हो सकता है। शिकायत पर निगम ने इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट में लाइन व जीएसएस चार्ज करने से पूर्व सुधार के निर्देश दिए,लेकिन खामियां सुधारने के बजाय प्रोजेक्ट विंग project wing के अभियंता Engineer जांच रिपोर्ट ताक पर रख कर हड़बड़ी में जीएसएस को चार्ज कर अपनी कारगुजारियों पर पर्दा डालने में जुटे हुए हैं।
जांच के लिए दस्तावेज ही नहीं दिए
भूडोल के 33 केवी जीएसएस व लाइन की अनियमितताओं की जांच के लिए अधीक्षण अभियंता गोपाल चतुर्वेदी ने जांच कमेटी का गठन किया। जांच कमेटी ने जब एक्सईएन (प्रोजेक्ट) आर.डी.बारेठ से इस पावर हाउस निर्माण व लाइन के दस्तावेज मांगे गए तो उन्होनें दस्तावेज जांच कमेटी को उपलब्ध नहीं करवाए। प्रोजेक्ट के कनिष्ठ अभिंयता हेमंत उपाध्याय जांच कमेटी को दस्तवेज उपलब्ध करवाने के लिए तारीखें हीं देते रहे।
जांच कमेटी ने यह उठाए सवाल
कई जगह लाइन टेड़ीमेढ़ी डाली गई है,पोल टावर व लाइन डीपी तिरछी है। टावर पर लाइन डालने के बाद फाउंडेशन आधा अधूरा तैयार किए गए है। कई पोल केवल डेढ़-दो फिट ही गाड़े गए हैं जिससे लाइन कभी भी गिर सकती है। कई जगह अर्थवायर ही नहीं डाला गया है। 33 केवी लाइन व 11 केवी लाइन के बीच दूरी नियमानुसार नहीं,तार ढीले हैं आपस में टकरा सकते हैं। 33 केवी लाइन में 42 फुट के टावर की जगह 36 फुट के टावर लगाए गए हैं जो कि गलत है। जीएसएस पर अर्थिंग रॉड को सही नहीं डाला गया है।
खेतों में गिरी थी लाइन

नियम कायदों को ताक पर रख कर जीएसएस के लिए खड़े किए गए टावर व लाइन पिछले साल बरसात के दौरान गवारड़ी तालाब के पास खेतों में गिर गई थी। इस मामले की जांच के बजाय अभियंताओं ने इसे दबा दिया,पावर हाउस के पास टावर खड़े को लेकर भी विवाद हुआ था।
लोहागल में झेल रहे परेशानी

निगम की आईपीडीएस योजना के तहत लोहागल गांव में 33/11 केवी जीएसएस का निर्माण कर एईएन मदार को सुपुर्द किया गया था। इसमें भी कई खामियां एईएन ने बताई थी लेकिन उसे आज तक प्रोजेक्ट के अभियंताओं ने दूर नही किया। खामियों के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इनका कहना
क्षेत्र के ग्रामीणों ने जीएसएस निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी इसके बाद एमडी से मुलाकात कर जांच की मांग की गई। जांच तो हुई लेकिन सुधार नहीं हुआ। इस मामले की दोबार जांच करवाने तथा जिम्मेदार अभियंताओं के खिलाफ कार्यवाही के लिए ऊर्जा मंत्री तथा ऊर्जा सचिव को भी अवगत करवाया जाएगा।
सुरेश रावत,विधायक पुष्कर
कल लाइन को चार्ज करने पर लाइन होल्ड नहीं हुई थी,मेजर प्रॉब्लम दूर कर दी गई हैं। लाइन चार्ज कर रहे हैं। जो काम के लिए जिम्मेदार हैं उन पर भी कार्यवाही की जाएगी।
पी.के.जैन,अधीक्षण अभियंता (प्रोजेक्ट) अजमेर डिस्कॉम

मामले की जांच के लिए निर्देश दिए गए है। कमियां दूर नहीं की तो सस्पेंड करूंगा। बिलों कटौती भी होगी। जीएसएस को चार्ज करने के लिए कहा गया है।

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