ज्ञापन देने के बाद पूजा छापड़ा खबरनवीसों से मुखातिब हुई। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर राजस्थान में आंदोलन और अनशन करने के बाद राज्य सरकार से जो लिखित समझौते हुए थे उनका प्रदेश में पालन नहीं हो रहा है। रात 8 बजे बाद भी शराब की बिक्री हो रही है। शराब का एक लाइसेंसी ठेका होने के बाद भी 20-20 अवैध शराब की ब्रांच चल रही हैं। उन्होंने बताया कि वे प्रदेशभर में पुलिस महानिरीक्षक, कलक्टर और एसपी से मुलाकात कर रात आठ बजे बाद बिकने वाली अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लिए आमजन सड़क पर उतर रहा है लेकिन उन्हें प्रशासन का साथ नहीं मिल रहा है, जो अफसोस की बात है। सरकार को कम से कम नियम, कायदों में रहकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर आमजन का आरोप है कि पुलिस प्रशासन शराब माफिया का साथ है या बिका हुआ है। अवैध शराब के ठेके पुलिस संरक्षण में संचालित हो रहे हैं। उनके साथ जन क्रांति मंच के जिलाध्यक्ष रुपेश शर्मा, विवेक शर्मा, मोहित तिवाड़ी, रोहित शर्मा, पवन जोशी, अमृत राठौड़ सहित कई युवा मौजूद थे।
बनी थी कमेटियां
पूजा छाबड़ा ने बताया कि अवैध शराब की बिक्री के लिए राज्य सरकार ने 200 विधानसभा क्षेत्र में कमेटी का गठन किया था। इसमें प्रशासन की ओर से आईजी, कलक्टर और एसपी शामिल थे, लेकिन बीते दो साल में कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई। वहीं रात 8 बजे बाद शराब की बिक्री नहीं होने के बजाए सर्वाधिक बिक्री हो रही है। शराबबंदी के लिए आमजन आंदोलन, तपस्या करता है लेकिन सरकार उनके आंदोलन को तवज्जो नहीं देती। जिसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा।