अनुसंधान में जुटी एसीबी अजमेर स्पेशल चौकी अजमेर सेन्ट्रल जेल में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली प्रकरण मामले में तकनीकी आधार से मजबूत बनाने में जुटी है। एसीबी प्रकरण में जेल प्रहरी अरुण चौहान, संजय सिंह, प्रधान बाना, और केसाराम जाट की जेल के बाहर पैरोल पर छूटे सजायाफ्ता बंदी लौंगिया मोहल्ला निवासी दीपक उर्फ सन्नी, उसके भाई सागर तेजी और दरगाह बाजार हाल लौंगिया मोहल्ला निवासी प्रवेश उर्फ पोलू से मुलाकात और लेन-देन को सीसी कैमरे फुटेज टटोल रही है। एसीबी ने एटीएम से रकम निकासी के समय के आधार पर सीसी फुटेज खंगालने में जुटी है।
दो माह से सर्विलांस पर मोबाइल एसीबी अजमेर सेन्ट्रल जेल में चल रहे वसूली प्रकरण में 2 माह से लगी थी। दो माह से एसीबी अरुण चौहान, संजय सिंह, प्रधान बाना, केसाराम जाट और जेल अधिकारियों के मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखे थे। अब एसीबी जेल प्रहरी और बंदियों के बीच हुई बातों के आधार पर एसीबी प्रकरण में तकनीकी पहलुओं के आधार पर अनुसंधान को आगे बढ़ा रही है। इससे जेल प्रहरी के साथ-साथ जेल अधिकारियों की प्रकरण में लिप्तता उजागर होने पर कार्रवाई को अंजाम दी जा सके।
यह है चुनौती एसीबी की जांच में अभय कमांड सेंटर के सीसीटीवी कैमरे भी ज्यादा प्रभावी नहीं हैं। बीते दिनों की रिकॉर्डिंग में कई तरह की समस्याएं सामने आई है। कई सीसी कैमरे इंटरनेट से जुड़े है, जो कई मर्तबा कमांड सेंटर के नेटवर्क से गायब हो गए। इसके अलावा बारिश के मौसम में कई चेहरे भी साफ नजर नहीं आ रहे है। हालांकि एसीबी सीसी कैमरे से मिले फुटेज के आधार पर अनुसंधान में जुटी है।