बिजली चोरो से विजिलेंस विंग ने 2.61 करोड़ की रियलाइजेशन भी किया गया है। जबकि निगम ओएंडएम विंग ने 2 करोड़ रुपए का ही रियलाइजेशन किया। अप्रेल से 11 सितम्बर तक 20 करोड़ 1 लाख रुपए का रियलाइजेंशन किया गया है। इसमें से विजिलेंस ने 9.86 करोड़ तथा ओएंडएम ने 9.15 का रियलाइजेशन किया। विजिलसें विंग के 52 में से 39 पद ही भरे हैं। जबकि 11 पर रिक्त हैं जबकि ओएंडएम अभियंताओं की संख्या 800 से अधिक है। निगम की ओएंडएम विंग के अभियंताओं ने 1 से 11 अक्टूबर तक 829 जगहों पर छापे मारते हुए 695 बिजली चोरी पकड़ी है।
विजिलेंस विंग के जिन अभियंताओं ने अ‘छा काम किया है उन्हें प्रबन्ध निदेशक द्वारा प्रसंशा पत्र दिया जा रहा है। कई अभियंताओं ने निर्धारित लक्ष्य से अधिक बिजली चोरी पकड़ी है। जो लक्ष्य हासिल नहीं कर रहे हैं उनसे स्पष्टीकरण तलब किया जा रहा है। विजिलेंस विग के अभियंता वीडी दुबे,पी.के.मीना, राम प्रताप, डी.सी. स्वर्णकार, तथा के.के.शर्मा ने निर्धारित लक्ष्य से अधिक बिजली चोरी पकड़ते हुए एफआईआर दर्ज करवाई।
टीम के रूप में काम किया जा रहा है। अभियंता व पुलिस मिलकर प्रबन्ध निदेशक के निर्देशों की पालना कर रही है। बिजली चोरों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। मुकेश सांखला,एडिशनल एसपी(विजिलेंस),अजमेर डिस्कॉम