इस सिस्टम के चालू होने के बाद आग लगने के साथ ही अस्पताल में सायरन बज उठेगा। आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम से पानी का फव्वारा निकलेगा, जिससे दमकल के पहुंचने तक आग बेकाबू न हो। इसके तहत पुरानी बिल्डिंग में पाइप सेट और पानी की लाइन लगाने का कार्य करीब करीब पूरा हो चुका है।
रोगी सहित स्टाफ की होगी सुरक्षा
पीछे की तरफ टैंक बनाने का काम कार्य भी पूरा हो गया है। यहां पर तीन टैंक बनाए गए हैं। इन टैंक में मोटर लगाई जाएगी और लाइनों को जोड़ा जाएगा। नवनिर्मित मदर चाइल्ड विंग में आधुनिक फायर सेंसर समेत फायर फाइटिंग सिस्टम भी लगा है, लेकिन पुरानी बिल्डिंग में आग से निपटने के लिए किसी प्रकार का पुख्ता इंतजाम नहीं है।
ऐसे में आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम लगने से न सिर्फ मरीजों बल्कि स्टॉफ की सुरक्षा भी पुख्ता होगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने अस्पतालों में आग से होने वाले नुकसान और मरीजों की जान को खतरे को कम करने के लिए प्रदेश के कई जिला अस्पतालों में एंटी फायर सिस्टम और फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाने का निर्णय किया है। इसी के तहत 27 लाख रुपए का बजट से एकेएच में भी आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है।
ऐसे काम करेगा सिस्टम फायर डिटेक्शन सिस्टम में सेंसर लगे हुए हैं। ये सेंसर धुएं को लेकर अतिसंवेदनशील हैं, जो मामूली से धुएं भी एक्टिवेट हो जाते हैंं। धुंए के सिग्नल मिलते ही ये सेंसर फायर पैनल को संदेश भेजते हैं। फायर पैनल से संदेश मिलने पर फायर अलार्म बज उठता है और संबंधित डिपार्टमेंट की विद्युत सप्लाई ऑटोमैटिक बंद हो जाती है। इसके साथ ही एंटी फायर सिस्टम भी एक्टिवेट हो जाता है और वॉटर टैंक से कनेक्ट सिस्टम से पानी की बौछार भी शुरू हो जाती है। इससे आग को बेकाबू होने से रोका जा सकेगा।
चिकित्सा विभाग, अजमेर के निर्माण सहायक अभियंता चन्द्रप्रकाश संचेती के अनुसार फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए पानी के टैंक का निर्माण करीब करीब पूरा हो चुका है। टैंक पर मोटर लगाने के लिए जल्द ही निविदा जारी की जाएगी। स्मोक डिटेक्टर लगाकर पानी की लाइन पहले ही बिछाई जा चुकी है।