महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में 280 से ज्यादा कॉलेज पंजीकृत हैं। इनमें अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा और नागौर जिले के कॉलेज शामिल हैं। ज्यादातर कॉलेज में कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय के पारम्परिक पाठ्यक्रम ही संचालित हैं। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, एबीएसटी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, ईएएफएम और अन्य कोर्स शामिल हैं। जबकि प्रदेश सहित देश के कई विश्वविद्यालयों और उनसे सम्बद्ध कॉलेज में पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम भी चलता है। इसमें डिग्री लेने के बाद विद्यार्थियों के विभिन्न क्षेत्रों प्लेसमेंट हो रहे हैं।
अब होगी एकीकृत पाठ्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेज में अब पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी। इसमें बीए, बीएससी और बी.कॉम एलएलबी पाठ्यक्रम शामिल होंगे। इन पाठ्यक्रमों की अवधि पांच वर्षीय होगी। बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी इनमें प्रवेश ले सकेंगे। विश्वविद्यालय की एकेडेमिक कौंसिल ने पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम को मंजूर कर लिया है।
शुरुआत निजी कॉलेज से
विश्वविद्यालय विभिन्न कॉलेज में यह पाठ्यक्रम चलाना चाहता है। लेकिन शुरुआत निजी कॉलेज से ही संभव है। लॉ और अन्य सरकारी कॉलेज में पाठ्यक्रम संचालन के लिए उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेजना पड़ेगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही सरकारी कॉलेज में पाठ्यक्रम शुरू हो सकता है।
विश्वविद्यालय विभिन्न कॉलेज में यह पाठ्यक्रम चलाना चाहता है। लेकिन शुरुआत निजी कॉलेज से ही संभव है। लॉ और अन्य सरकारी कॉलेज में पाठ्यक्रम संचालन के लिए उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेजना पड़ेगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही सरकारी कॉलेज में पाठ्यक्रम शुरू हो सकता है।
एकीकृत कोर्स से रोजगार के लिए यह क्षेत्र
-विधि सलाहकार अथवा विधि परामर्शी
-कॉरपॉरेट क्षेत्र-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में रोजगार
-श्रम एवं नियोजन विभाग-न्यायिक क्षेत्र
-सरकारी अथवा निजी प्रेक्टिस एलएलबी कोर्स नहीं सेमेस्टर स्कीम
बार कैांसिल ऑफ इंडिया ने एलएलबी कोर्स को बेहतर बनाने, समयानुकूल नई अवधारणाओं को समावेश करने के लिहाज से सभी राज्यों को एलएलबी कोर्स में पांच वर्षीय सेमेस्टर पद्धति लागू करने के निर्देश दिए थे। सभी संस्थाओं और राज्यों को साल 2012 तक का समय दिया गया। बाद में इसे पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया। लेकिन राज्य सरकार ने अब तक एलएलबी में पांच वर्षीय सेमेस्टर स्कीम लागू नहीं की है। मालूम हो कि प्रदेश में अजमेर, सिरोही, नागौर, अलवर, सीकर सहित 15 लॉ कॉलेज हैं। सभी कॉलेज में तीन साल का ही एलएलबी कोर्स संचालित है।
-विधि सलाहकार अथवा विधि परामर्शी
-कॉरपॉरेट क्षेत्र-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में रोजगार
-श्रम एवं नियोजन विभाग-न्यायिक क्षेत्र
-सरकारी अथवा निजी प्रेक्टिस एलएलबी कोर्स नहीं सेमेस्टर स्कीम
बार कैांसिल ऑफ इंडिया ने एलएलबी कोर्स को बेहतर बनाने, समयानुकूल नई अवधारणाओं को समावेश करने के लिहाज से सभी राज्यों को एलएलबी कोर्स में पांच वर्षीय सेमेस्टर पद्धति लागू करने के निर्देश दिए थे। सभी संस्थाओं और राज्यों को साल 2012 तक का समय दिया गया। बाद में इसे पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया। लेकिन राज्य सरकार ने अब तक एलएलबी में पांच वर्षीय सेमेस्टर स्कीम लागू नहीं की है। मालूम हो कि प्रदेश में अजमेर, सिरोही, नागौर, अलवर, सीकर सहित 15 लॉ कॉलेज हैं। सभी कॉलेज में तीन साल का ही एलएलबी कोर्स संचालित है।
पांच वर्षीय बीए, बीएससी और बी.कॉम एलएलबी पाठ्यक्रम को मंजूरी मिल गई है। एकीकृत विधि पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों को फायदा होगा। रोजगार के नए क्षेत्र भी उपलब्ध होंगे।
डॉ. डी. के. सिंह, कार्यवाहक प्राचार्य लॉ कॉलेज
डॉ. डी. के. सिंह, कार्यवाहक प्राचार्य लॉ कॉलेज