अजमेर

पूर्व उप महापौर ने भू-कारोबारियों से खरीदी थी एडीए की जमीन

एसीबी को सौंपी एडीए की जांच रिपोर्ट ममें खुलासापूर्व उप महापौर सम्पत सांखला प्रकरण

अजमेरFeb 15, 2021 / 06:30 pm

bhupendra singh

ada

भूपेन्द्र सिंह
अजमेर. नगर निगम के पूर्व उप महापौर सम्पत सांखला पर अजमेर विकास प्राधिकरण की अवाप्तशुदा जमीन के खरीद-फरोख्त के मामले की प्राधिकरण की जांच में 762 वर्गगज भूमि पर कब्जा सामने आया है। मौके पर भूमि पर चारदीवारी बनी हुई है। यह जमीन प्राधिकरण के हरिभाऊ उपाध्याय नगर के सी-105 से133 के सामने है। इसकी कीमत करीब 15 करोड़ रुपये है। प्राधिकरण की जांच में इसका खुलासा हुआ है। प्राधिकरण ने एसीबी को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। प्राधिकरण के अनुसार परिवाद वर्किग खसरा 117 खसरा नम्बर का है। लेकिन राजस्व मानचित्र में 80 व 117 के बीच विभाजन रेखा नहीं है। जिससे विवादित भूखंड का खसरा स्पष्ट नहीं होता। वर्तमान प्रचलित राजस्व मानचित्र अनुसार विवादित भूखंड खसरा नम्बर 117 व 175/176 का आंशिक भाग है। उक्त क्षेत्र प्राधिकरण योजना का भाग है लेकिन इसमें प्लानिंग नहीं की गई है। खसरा नम्बर 176 खातेदारी था इसका अवार्ड हो चुका है। खसरा नम्बर 175-177 सिवायचक से योजना के लिए अधिसूचित किए गए हैं।
फैक्ट फाइल

खसरा नम्बर 105 के 0.40 हेक्टेयर भूमि सिवायचक होने से यह प्राधिकरण के नाम दर्ज है। यह भूमि कलक्टर ने प्राधिकरण को हस्तांतरित की। खसरा नम्बर 176 के 0.02 हेक्टेयर का अवार्ड जारी हो चुका है। यह प्राधिकरण के नाम दर्ज है। मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है। खसरा नम्बर 177 के 0.16 हेक्टेयर भूमि सिवायचक होने से अवार्ड जारी नहीं किया गया। यह प्राधिकरण के नाम दर्ज है। खसरा नम्बर 107 के 00-07-10 बीघा भूमि तथा खसरा नम्बर 108 के 0-11-00 बीघा भूमि ग्राम पंचायत नर्सरी चौरसियावास के नाम होने से अवार्ड जारी नहीं किया गया। यह वर्तमान में प्राधिकरण के नाम दर्ज है। खसरा नम्बर 117 के 02-18-00 बीघा भूमि रामा भंवरा पिता नाथू जाति भांभी के नाम अवार्ड हुआ। वर्तमान में यह प्राधिकरण नाम दर्ज है। कुल भूमि में से 200 वर्गगज भूमि का नकद मुआवजा जारी किया जा चुका है। खसरा नम्बर 120 के 00-15-10 का अवार्ड 5 लोगों को जारी किया गया। वर्तमान मे भूमि प्राधिकरण के नाम दर्ज है। मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है।
एसीबी कर रही है जांच
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अजमेर की स्पेशल चौकी इस जमीन के मामले की जांच कर रही है। एसीबी की पड़ताल में एडीए की भूमि को भू-माफिया की मदद से खरीद-फरोख्त का षडय़ंत्र रचा जाना सामने आया है। इस जमीन के पट्टे पास कराने के लिए जारी किया गया एएमसी नम्बर भी फर्जी है। वर्ष 2015 में प्रोपर्टी डीलर सोहनलाल, रामअवतार ने कोटड़ा बैरवा बस्ती स्थित 638 वगगर्ज जमीन महेन्द्र से खरीदी। नगर निगम से नक्शा पास करवाने के लिए उन्होंने भूखण्ड के तीन हिस्से कर दो-दो सौ वर्गगज के भूखण्ड की पत्नियों को गिफ्टडीड कर दी। जबकि 238 वर्गगज का भूखण्ड सोहनलाल ने स्वयं रख लिया। तीनों भूखण्डों का नगर निगम से अगस्त 2015 में नक्शा पास करवा लिया गया।
सांखला ने 2018 में खरीदी जमीन
प्रोपर्टी डीलर सोहनलाल, रामअवतार ने निगम से नक्शा पास करवाने के बाद अपनी पत्नियों के नाम की गिफ्ट डीड के स्वयं के नाम से पूर्ण बिक्री अधिकार ले लिए। एक अप्रेल 2018 को तत्कालीन उपमहापौर सम्पत सांखला को जमीन करीब एक करोड़ में बेचान कर दी। जबकि यह भूमि वर्ष 2006 में नगर सुधार न्यास हरिभाऊ उपाध्याय नगर योजना में अवाप्त कर चुका है।
इनका कहना है
जमीन से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मेरे से पहले चार लोगों ने जमीन खरीदी-बेची और रजिस्ट्री करवाई। मैने तो 2018 में केवल इकरारनामा किया था। जब मुझे जमीन की वास्तविक जानकारी हुई तो मैने इकरारनामा निरस्त कर दिया। निरस्त की कॉपी भी सक्षम स्तर पर प्रस्तुत कर दी है। एसीबी व एडीए की जांच पर कोई टिप्पणी नही करूंगा।
सम्पत सांखला पूर्व उप महापौर, नगर निगम

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