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गल्र्स इंजीनियरिंग कॉलेज ने मारी 12 करोड़ पर कुंडली, पढ़ें पूरी खबर..

सातवें वेतनमान के एरियर का नहीं हुआ भुगतान। 65 कर्मचारियों को मिलनी है एरियर की राशि।

अजमेरMar 03, 2020 / 08:16 am

raktim tiwari

girls eng college

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अजमेर. सातवें वेतनमान के एरियर देने के मामले में महिला इंजीनियरिंग कॉलेज चुप्पी साधे बैठा है। केद्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन, प्रदेश के मुख्यमंत्री की बजट घोषणा और तकनीकी शिक्षा विभाग के स्पष्ट आदेशों के बावजूद शिक्षकों को परिलाभ नहीं मिले हैं। जबकि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) की बैठक में एरियर के प्रस्ताव को स्वीकार किया जा चुका है।
बीते साल हुआ था गजट नोटिफिकेशन
केंद्र सरकार की ओर से 1 मार्च 2019 को प्रकाशित अधिसूचना के द्वारा वर्ष 2016 से प्रभावी सातवें वेतनमान के अनुरूप देशभर की तकरनीकी संस्थाओं में शिक्षको ं सहित अन्य शैक्षणिक स्टाफ के संशोधित वेतन निर्धारण के लिए केंद्र की ओर से प्रदान की जाने वाली पचास फीसदी प्रतिशत राशि वहन करने की सहमति देते हुए नोटिफिकेशन जारी किया था। जबकि शेष 50 प्रतिशत का हिस्सा राज्य सरकार/केंद्र सरकार/स्वायत्तशासी संस्थाओं को अपने कार्मिकों के संबंध में वहन करना था।
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मुख्यमंत्री की थी बजट घोषणा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते वर्ष1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए अध्यापकों के लिए सातवें वेतनमान के एरियर का भुगताना तीन किश्तों में अलग-अलग अनुपात में करने की घोषणा की थी। इसके अनुसार 1 सितंबर व 1 दिसंबर 2019 को एरियर राशि का 30-30 प्रतिशत व 1 मार्च 2010 को अंतिम तीसरी किश्त में बकाया 40 प्रतिशत एरियर राशि देनी थी। तकनीकी शिक्षा विभाग ने भी सभी कॉलेज को बीते वर्ष दिसंबर में आदेश जारी कर सातवें वेतनमान के अनुसार शिक्षकों के वेतन निर्धारण के निर्देश दिए। तत्कालीन तकनीकी शिक्षा सचिव शुचि शर्मा वेतन निर्धारण की प्रक्रिया बताते हुए पूरे एरियर का भुगतान करने की हिदायत थी।
यहां नहीं माने आदेश..
केंद्र सरकार की अधिसूचना, मुख्यमंत्री की घोषणा और तकनीकी शिक्षा सचिवके आदेशों के बावजूद महिला इंजीनियरिंग कॉलेज ने शिक्षकों को एरियर नहीं दिया। तकनीकी शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाले कॉलेज के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) ने स्वत: ही संज्ञान में लेकर एडॉप्ट कर भी लिया। फिर भी कॉलेज ने तवज्जो नहीं दी। राजस्थान अभियांत्रिकी महाविद्यालय शिक्षक संघ (रेक्टा) ने बीते साल 24 फरवरी को ज्ञापन भी सौंपा था।
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चुकाने हैं 12 करोड़
एरियर के मद में कॉलेज की तकरीबन 11 करोड़ 70 लाख रूपए की देनदारी बनती है। महिला कॉलेज में 65 शिक्षक हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत शिक्षकों को सातवें वेतनमान के मुताबिक संशोधित वेतन निर्धारण पर औसत साढ़े सात हजार रुपए मासिक का एरियर निकलता है। 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2020 तक 48 माह के एरियर की राशि प्रत्येक शिक्षक के अनुसार तकरीबन साढ़े तीन लाख बैठती है। यह आंकड़ा करीब 23 करोड़ 40 लाख का बैठता है। जिसका पचास फीसदी कॉलेज को देना है।
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फिक्सेशन के अनुरूप सबको एरियर दिया जाना है। इसकी 50 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र और 50 फीसदी राज्य सरकार को वहन करनी है। राज्य के किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में एरियर नहीं मिला है। इस मामले में फिर बीओजी की बैठक में फैसला लिया जाएगा।
डॉ. जे. के. डीगवाल, प्राचार्य महिला इंजीनियिरिंग कॉलेज
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